बरेली. बरेली (Bareilly) स्थित केंद्रीय कारागार (Central Jail) से फरार होने के बाद बिजनौर (Bijnor) में पकड़े गये एक कैदी ने कोविड-19 (Covid -19) जांच के लिये बनाई गई अस्‍थायी जेल में फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या (Suicide) कर ली.

बरेली के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) अविनाश चंद्र ने बृहस्‍पतिवार को बताया कि दुष्कर्म (Rape) और हत्‍या के मामले में उम्रकैद का सजायाफ्ता व्यक्ति बिजनौर जिले के किरतपुर का रहने वाला नर पाल उर्फ सोनू (44) गत सोमवार को जेल की दीवार फांदकर फरार हो गया था. मंगलवार को उसे बिजनौर पुलिस ने पकड़ लिया था. उन्‍होंने बताया कि पाल को कोविड-19 जांच के लिए अस्थायी जेल में रखा था, जहां बुधवार रात उसने फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली.

रेप और हत्‍या का आरोपी नरपाल आत्‍महत्‍या कर लेगा इसका किसी को अंदेशा नहीं था. रविवार की रात जेल की दीवार फांदकर भागने के बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए बरेली पुलिस की कई टीमें लगी थीं. नरपाल को मंगलवार को किरतपुर पुलिस ने दबोच लिया. उसके पास से एक तमंचा भी बरामद हुआ था. पूछताछ के बाद पुलिस ने कैदी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली.

उम्रकैद की सजा काट रहा था कैदी
नरपाल को उम्रकैद की सजा हुई थी. बरेली जेल में वह यह सजा काट रहा था. 31 जनवरी की तड़के 3 बजे वह बरेली की सेंट्रल जेल से फरार हो गया था. बरेली जेल में निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके लिए सरिए आदि पड़े हुए थे. सरिया के सहारे उसने दीवार फांदी और फरार हो गया. फरार होने से पहले उसने कपड़े भी बदल लिए थे. उसकी गिरफ्तारी के लिए एडीजी ने 50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया था. बरेली पुलिस फरार कैदी की तलाश में लगी थी, लेकिन मंगलवार को बिजनौर की किरतपुर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे बिजनौर की अस्‍थाई जेल में रखा गया था जहां उसने खुदकुशी कर ली. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस पूरे मामले की जांच-पड़ताल कर रही है.

वर्ष 2012 में बरेली शिफ्ट किया गया था सोनू
वर्ष 2009 की फरवरी में नरपाल उर्फ सोनू को गांव की ही एक बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सोनू को आजीवन कारावास और 15000 के अर्थदंड की सजा सुनाई थी. आजीवन कारावास की सजा होने पर साल 2012 में सोनू को बरेली की सेंटर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था