राष्ट्रीय पञ्चायत राज दिवस के अवसर पर संगोष्ठी आयोजित।

सूचना /सामाजिक कार्यकर्ता सौ दिन करेंगे पंचायतों की निगरानी।

पदाधिकारियों को दिए गए नियुक्ति व पहचान पत्र।

राष्ट्रीय पञ्चायत राज दिवस के अवसर पर भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के तत्वावधान में अभियान के शिव पुरम बदायूं स्थित मुख्यालय पर “”पञ्चायत राज व्यवस्था को सुदृढ बनाने में सूचना/ सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका “” विषयक संगोष्ठी का आयोजन संरक्षक एम एल गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया।

इस अवसर पर विचार वयक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट ने कहा कि पञ्चायत राज की महत्ता के दृष्टिगत
देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पंचायत प्रतिनिधियों से सम्वाद कर चुके हैं। कोरोना काल में
नागरिकों के स्वास्थ्य की अपेक्षा पंचायत चुनाव को प्राथमिकता दी गई ताकि पंचायते प्रतिनिधि विहीन न रहें।
ग्राम विकास से जुड़े विभागों के एकीकरण की भी चर्चा हुई किन्तु मंत्री पद कम हो जाने, अधिकारियों के पद कम हो जाने, प्रमोशन न होने या प्रमोशन में विलम्ब को लेकर नौकरशाही इस कार्य में बाधा बन गई। और पंचायत राज विभाग तथा ग्राम्य विकास विभाग एकीकृत नहीं हो सके।

श्री राठोड़ ने कहा कि प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों के अपने कार्यालय नहीं है, सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत अधिकारी व लेखपाल की नियुक्ति नहीं की गई है, सभी ग्राम पंचायतों में उत्तर प्रदेश पंचायत राज नियमावली के नियम 63 में वर्णित अभिलेख उपलब्ध नहीं है , पंचायत राज अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अनुसार ग्राम पंचायत की बैठकें नियमित रूप से आयोजित नहीं की जाती है, पंचायत राज अधिनियम में दी गई व्यवस्था अनुसार गठित आधा दर्जन समितियां ग्राम पंचायतों में सक्रिय नहीं हैं , ग्राम पंचायतों में कराये गये विकास कार्यों का विवरण सार्वजनिक स्थानों पर अंकित नहीं किया जाता है, ग्राम पंचायत में नियुक्त सफाई कर्मी सफाई कार्य न करके है किसी नेता या अधिकारी के यहां सेवा दे रहे है , राजस्व सन्हिता में दी गई व्यवस्था के अनुसार ग्राम पंचायतों में ग्राम राजस्व समितियों का गठन नहीं किया गया है , राशन की निगरानी हेतु गांवों में सतर्कता समिति गठित नहीं की गई है, महिला प्रतिनिधियों के स्थान पर उनके निकट सम्बन्धी कार्य कर रहे हैं। जिस अनुपात में महिला प्रतिनिधि चुने जाते हैं,उस अनुपात में महिला अधिकारियों व कार्मिकों की नियुक्ति नहीं की गई है।
रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के अंतर्गत प्रतिवर्ष कितने लोगों को सौ दिन रोजगार मिला उनकी सूची प्रति वर्ष सार्वजनिक की जाए। संसद व विधानसभा की कार्यवाही आम जनता देख सकती है तो ग्राम पंचायत की कार्यवाही देखने का अधिकार आम नागरिकों को मिले।

भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के प्रदेश समन्वयक डॉ सुशील कुमार सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायतों में विकास योजनाओं व विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी ब्लाक की है । ब्लाक में खन्ड विकास अधिकारी नहीं। ब्लाक में सहायक विकास अधिकारी नहीं हैं, ब्लाक में अवर अभियंता नहीं, ब्लाक में प्रधान लिपिक नहीं, ब्लाक में आन्किक सहित अन्य लिपिक नहीं, ब्लाक में कर्मचारियों को बने आवास खन्डहर हो गये हैं। इसी प्रकार तहसीलों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार , राजस्व निरीक्षक और लेखपाल के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। दोषपूर्ण चुनाव व्यवस्था व दूषित मतदाता सूची के कारण अधिकांश पंचायते नगरों में निवास करने वाले व्यक्तियों के नियंत्रण में हैं।

केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल ने कहा कि सूचना/ सामाजिक कार्यकर्ता प्रति सप्ताह एक सूचना मांगकर व जनसुनवाई पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराकर पञ्चायत राज व्यवस्था को सुदृढ बनाने का कार्य करेगे।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से धनपाल सिंह, एम एल गुप्ता, बालेंद्र शर्मा एच एन सिंह, एम एच कादरी, हर नन्दन सिंह, सतेंद्र पाल सिंह, महेश चंद्र, आर्येंद्र पाल सिंह, राम लखन, दीपक माथुर, नेत्रपाल, राजपाल सिंह, समीरुद्दीन एडवोकेट, भुवनेश कुमार, सुभाष पुरी, अनिल प्रताप, अशफाक हुसैन आदि उपस्थित रहे।