
बदायूं। श्री हिन्दू युवा गणेश सेवा मंडल के तत्वावधान में नई सराय पुलिस चौकी स्थित श्री राधा माधव मन्दिर पर श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के छठे दिन सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही। कथा प्रारंभ करते हुए कथावाचक पंडित श्याम सुन्दर शिवराम महाराज ने गोपीजनों के साथ भगवान की श्रेष्ठतम महारास लीला का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि रास तो जीव का परब्रह्म ईश्वर के साथ मिलन की कथा है। आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति का फल प्राप्त होता है तो उसे रास कहा जाता है। कथा प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी के विवाह की झांकी का दृश्य देख सभी भक्त आनंदित होकर झूमे। श्याम सुन्दर शिवराम जी महाराज ने कहा कि जो भक्त ईश्वर प्रेम में आनंदित होते हैं और श्रीकृष्ण तथा रूक्मिणी के विवाह में शामिल होते हैं, उनकी समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है।
कथाव्यास ने कहा जब जीव में अभिमान आता है, भगवान उनसे दूर हो जाता है। लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है, उसे दर्शन देते है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का

प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ। लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती। यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नही तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। श्रीकृष्ण भगवान व रुक्मणि के अतिरिक्त अन्य विवाहों का भी वर्णन किया गया। कथा के सफल संचालन में यजमान मुकुल गुप्ता काका एवं उनकी पत्नी लक्ष्मीगुप्ता, केशव शर्मा, संगीता अग्रवाल, अनंत शुक्ला, मुदित असावा, महेन्द्र गुप्ता, सर्वेश वर्मा, उषा वर्मा, मंजू गुप्ता, रवीन्द्र गुप्ता, रीता सक्सेना, राजीव साहू, उत्कर्ष गुप्ता, सन्नी गुप्ता, अंकित साहू, रजत शाह, रानी वर्मा, सुरेश आदि लोग मौजूद रहे।
आयोजक शुभम अग्रवाल ने बताया कि कल दिन मंगलवार को कथा का विश्राम दिवस है।
दिन बुधवार को सुबह 9 बजे पूर्णाहुति और 12 बजे से भंडारा शुरू होकर प्रभु इच्छा तक होगा।







