सीएनएन न्यूज भारत ब्यूरो महराजगंज ::भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित बेलवा घाट परिसर में शरद पूर्णिमा एवं वाल्मीकि जयंती की पूर्व संध्या पर 135 वीं नारायणी गंडकी महा आरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत राज जिमरी नौतनवां के मुखिया खूबलाल बड़घडिया,विशिष्ट अतिथि जनी फाउंडेशन की अध्यक्षा लक्ष्मी खत्री, फाइटर एवं अभिनेता जयदेव कुमार, समाजसेवी संगीत आनंद, स्वास्थ्य कर्मी कुमारी संगीता, संस्था के सचिव अखिलानंद,सत्येंद्र सिंह, सुमन देवी ,गायक नंद महतो, हरिद्वार प्रसाद,पिंकी देवी,एवं दीपक कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि खूबलाल ने कहा कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी 16 कलाओं में पूर्ण होता है, और इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होती है। आचार्य पंडित अनिरुद्ध दूबे ने कहा कि इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। रुद्र नेचुरल शहद के निर्माता सत्येंद्र सिंह ने कहा कि गंडक नदी के तट पर पूर्णिमातिथि को महा आरती का आयोजन एक ऐतिहासिक पहल है। सुमन देवी ने कहा कि शहद और साबुन का निर्माण करके हम आसपास के लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। जरूरतमंदों को हम निःशुल्क प्रशिक्षण भी प्रदान करते हैं। फाइटर जयदेव कुमार ने कहा कि आदि कवि महर्षि वाल्मीकि जयंती की पूर्व संध्या पर हम पर्यावरण संरक्षण संवर्धन का संकल्प लेते हैं। समाजसेवी संगीत आनंद ने कहा कि इस मौके पर स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा औषधीय गुणों वालों पौधों का वितरण किया जा रहा है। गायक नन्द महतो एवं गायिका हीरवंती देवी ने पारंपरिक भजनों को प्रस्तुत किया। संस्था के सचिव अखिलानंद ने कहा कि यहां तीन नदियों का संगम है। इस पवित्र स्थल पर महा आरती में भाग लेने से पुण्य की प्राप्ति होती है। हरिद्वार प्रसाद ने कहा कि 14 नवंबर 2012 से संस्था द्वारा लावारिस दिव्यांग जनों को दैनिक चलंत दरिद्र नारायण भोज द्वारा भोजन दिया जाता है। ऐसे लोगों की सेवा ही सच्ची सेवा है। स्वास्थ्य कर्मी कुमारी संगीता एवं मुखिया खूब लाल द्वारा महाप्रसाद की व्यवस्था की गई। संचालन जयदेव कुमार एवं लक्ष्मी खत्री ने किया ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन सतेंद्र सिंह एवं सुमन देवी ने किया। इस मौके पर संजय मिश्रा, पूजा शर्मा, पूनम देवी, पिंकी देवी, तूफानी ठाकुर, अर्पिता कुमारी, रुद्र प्रताप सिंह,लक्ष्मण सोनी एवं चुन्नू ठाकुर का सराहनीय योगदान रहा।