संभलः माहे रमज़ान में कुरआने पाक की अज़ीम फज़ीलत है। इस महीने की इबादत और कुरआने पाक की तिलावत का अलग ही मज़ा है। हाफिज़ साहेबान को भी नमाज़े तरावीह मे कुरआने पाक मुकम्मल करने पर गुल पोशी के साथ नज़राने पेश किए जाते हैं। चन्दौसी मार्ग नूरिया सराय चिश्ती कालौनी स्थित चिश्तिया नूरानी मस्जिद मे नमाज़े तरावीह मे कुरान शरीफमुकम्मल हुआ। इस मौके पर मस्जिद में रमजान के पहले रोजे से 27 वें रोज़े तक कुरआने पाक पूरा करने की परम्परा चली आ रही है। हाफिज़ अब्दुल मजीद द्वारा
नमाज़े तरावीह में कुरआने पाक सुनाया गया । पूरा होने पर नाते पाक व सलातो सलाम पढ़ा गया। हाफिज नूर नासिर ने कहा
कि कुरआन मजीद दुनिया की वो
वाहिद किताब है। जिसकी
हिफाजत का ज़िम्मा खुद अल्लाह
ने लिया है। उन्होंने कहा कि
कलाम पाक कयामत तक आने
वाली नस्लों के लिए हिदायत और
निजात का जरिया है। उन्होंने कहा
के नबी-ए-करीम सल्लल्लाहो
अलैही वसल्लम ने फरमाया कि
तुममें बेहतर शख़्स वह है जो
कलाम मजीद पढ़ना सीखें और
सिखाएं। अंत में यहां पर सभी को मिठाईयां बांटी गई और मुल्क व शहर में अमनो अमान के लिए दुआ कराई गई। इस अवसर पर हाफिज अल्तमस, हाफिज नूर नासिर , हाफिज़ अब्दुल मजीद, सिराज अहमद चिश्ती, बब्बू पधान ,याकूब ,अम्बार इलियास, इक्तेदार अली, हाजी इसतेखार, मोहम्मद मुनीर, शारिक,फरहान कादरी, आदि मौजूद रहे।
सम्भल से खलील मलिक