बदायूं : गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर चल रहे श्रद्धा कौशल संवर्धन शिविर का तीसरे दिन पूरी तरह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक साधना को समर्पित रहा। दिनभर विभिन्न सत्रों में प्रशिक्षुओं को भारतीय संस्कृति की गहराइयों से जोड़ते हुए श्रेष्ठ संस्कारों, सामाजिक उत्तरदायित्वों और जीवन प्रबंधन के मूल सूत्र बताए गए।
योगाचार्य राम चन्द्र प्रजापति के मार्गदर्शन में सुबह युवा और बुजुर्गों ने योगाभ्यास किया। नियमित योग करने से आत्मिक शांति और शारीरिक स्फूर्ति का अनुभव कराया गया।

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इसके बाद शिवंवदा सिंह और पूनम ने विधिपूर्वक यज्ञ कराया, जिससे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। यज्ञ के साथ-साथ प्रतिभागियों को ढपली, गायन और वादन का विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया।
मुख्य प्रबंध ट्रस्टी सुरेंद्रनाथ शर्मा ने भारतीय सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों से अवगत कराया। उन्होंने कहा जीवन को परिष्कृत और बहुमूल्य बनाने के लिए श्रेष्ठ संस्कारों को अर्जित करना ही होगा।


परिव्राजक सचिन देव ने प्रतिभागियों को वेदमंत्रोच्चारण का सही तरीका सिखाया। उन्होंने दीप यज्ञ, जन्म दिवस संस्कार, यज्ञ कर्मकांड, मंत्रों की विधि और बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यज्ञ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी कल्याणकारी है।


जिला समन्वयक नरेंद्र पाल शर्मा ने व्यक्तित्व के परिष्कार पर विचार रखते हुए कहा कि संस्कार ही मनुष्य को महान बनाते हैं। युवा अपने आचरण और व्यवहार में शुचिता एवं सकारात्मकता लाएं।
इसी क्रम में उपजोन समन्वयक बरेली अजय वीर सिंह ने मंडलों और संस्थानों में संस्कार, सहगमन और गतिविधियों के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया। विचार क्रांति से ही सतयुग आएगा। ज्ञान यज्ञ की लाल मशाल जलेगी।


शिविर स्थल पर दिनभर श्रद्धालु और युवा विशेष उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। आध्यात्मिक वातावरण में वेद-मंत्रों की ध्वनि, दीप यज्ञ की आभा और प्रज्ञा गीतों की मधुर लहरियों ने पूरे परिसर को आलोकित कर दिया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर न केवल आध्यात्मिक चेतना का विस्तार करते हैं, बल्कि युवाओं को सही दिशा, सामाजिक उत्तरदायित्व और भारतीय संस्कृति से जुड़ाव का मजबूत आधार प्रदान करते हैं।


इस मौके पर सुखपाल शर्मा, माया सक्सेना, रजनी मिश्रा, मनोज मिश्रा, ब्रजकिशोर, राजेश्वरी, अयोध्या प्रसाद शर्मा, डा.सोनपाल आदि मौजूद रहे।

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