
बदायूं। भारतीय किसान यूनियन असली गैर राजनीतिक ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को सिलहरी बिजली घर के पास धरना प्रदर्शन किया।
किसानों का कहना है कि सरकार ने किसानों की फसल का जो भाव तय किया है, उससे कम मूल्य पर कोई भी न खरीदे और अगर कोई खरीदता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

जिलाध्यक्ष केपीएस राठौर ने कहा कि केंद्र सरकार हिटलर शाही रवैया अपना रही है। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों को आंदोलन करते करीब 10 से 11 महीना हो चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने एक भी बार किसानों से बात नहीं की। जबकि किसान अपना हक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून बनाने को जोर दे रहे हैं। सरकार किसानों की फसल को खरीदने के लिए उसका मूल्य तय करती है। सरकार सुनने को तैयार नहीं किसानों की बात

किसानों का कहना है कि सरकार ने किसानों की फसल का जो भाव तय किया है, उससे कम मूल्य पर कोई भी न खरीदे और अगर कोई खरीदता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। यही कानून बनाने को लेकर किसान अड़े हुए हैं। इसी को लेकर सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं, जो करीब 45 से 48 दिन से धरने पर हैं। लेकिन केंद्र सरकार सुनने को तैयार नहीं है।

इसी तरह से सरकार ने वादा खिलाफी करते हुए डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू नहीं की। हर व्यापारी अपनी वस्तु का भाव खुद तय करता है। अन्नदाता कहे जाने वाला किसान अपनी फसल का भाव स्वयं तय नहीं कर पा रहा है। उसकी फसल का भाव बिचौलिया दलाल तय करते हैं। जिससे किसान की फसल की लागत नहीं मिल रही है और बैंकों का कर्जदार होता चला जा रहा है।






