दिव्यांग किसी से कम नही उन्होंने यह साबित किया है,राज्य सरकार आज दो विश्वविद्यालय संचालित कर रही है।
एक शकुंतला देवी विश्विद्यालय लखनऊ दूसरा राम भद्राचार्य विवि चित्रकूट,इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है जिससे इनको और बढ़ावा मिले आज सम्मानित होने वाले छात्रों में 75 से 90% अंक पाने वाले छात्र हैं। साथ ही सहायक उपकरण भी दिए गए और टैबलेट भी दिए गए है और 2 लाख 53 हजार 211 छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी गई। कार्य करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए,सरकार फंड पैसा देना चाहती है,इसके लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ने की जरूरत है।

जब हम 2017 में आये थे तक 7,8 लाख दिव्यांग को ही पेंशन मिलता था वो भी 300 रु जो 6 6 महीने अटकी रहती थी बीच मे खा भी ली जाती थी। आज 11 लाख दिव्यांगों को 1000 रु डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में दी जा रही है बीच की मध्यस्थता समाप्त हो गई। दिव्यांग जन के लिए 4% राजकीय सेवाओ आरक्षण की भी व्यवस्था की गई है,हमारे यहां दिव्यांग आईएएस भी व्यवस्था में हैं। प्रदेश सरकार दिव्यांग जन के लिए बहुत सारे अन्य कार्य भी हो रहे हैं,कृत्रिम अंग भी वितरित हो रहे है।ट्राइसाइकिल वगैरह
मूक बधिर बच्चो को 6 लाख रु सर्जरी भी दी जा रही है
सरकारी भवनों में रैंप की भी व्यवस्था की गई है। परिवहन विभाग की बसों में निशुल्क यात्रा की व्यवस्था की गई है।

रिपोर्टर सचिन गुप्ता जिला एटा