लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है। भाजपा सरकार पूरी तरह से तानाशाही पर उतारू है। प्रदेश में अन्याय अत्याचार चरम पर है। भाजपा का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। उत्तर प्रदेश में आपातकाल जैसी स्थिति है।
सत्ता के इशारे पर पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों नेता विरोधी दल और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर संभल जा रहे समाजवादी पार्टी के सांसदों विधायकों और जिलाध्यक्ष को उनके घरों में कैद कर देना बेहद निंदनीय है। भाजपा सरकार संभल में उसके द्वारा किए गए अन्याय और अत्याचार को छुपाना चाहती है। यह डरी हुई सरकार है। सच्चाई को सामने नहीं आने देना चाहती है। वह जन आक्रोश से भयभीत है।
अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस प्रशासन का प्रतिबंध जब सिर्फ संभल जिले में है तो भाजपा सरकार नेता विरोधी दल विधानसभा माता प्रसाद पांडेय, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद लाल बिहारी यादव और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल एवं विधायक रविदास मेहरोत्रा को उनके घरों से क्यों नहीं निकलने दिया है। क्या भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में आपातकाल लगा दिया है? नेता विरोधी दल और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अपने घर से समाजवादी पार्टी के दफ्तर भी नहीं जा सके। जनप्रतिनिधियों को इस तरह से हाउस अरेस्ट करना लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है, भाजपा जब से सत्ता में आई है लोकतंत्र और संविधान को कुचल रही है।
स्मरणीय है, संभल के जिला मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश (भा.ना.सु.सं0 धारा-163) अंतर्गत किसी भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन एवं जनप्रतिनिधि के जनपद संभल की सीमा में बिना अनुमति के प्रवेश को 10.12.2024 तक प्रतिबंधित किया गया है।
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को रोके जाने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नाराजगी जताई है। प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।
भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साज़िशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाई करके बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा हार चुकी है।
समाजवादी पार्टी ने संभल की घटना में मारे गए निर्दोष लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपया आर्थिक मदद देन की घोषणा की है।
समाजवादी पार्टी की मांग है कि भाजपा सरकार संभल हिंसा में मृतक आश्रितों को 25-25 लाख रू0 का मुआवजा दे। महामहिम राष्ट्रपति और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अतिरिक्त अन्य किसी से इंसाफ की उम्मीद नहीं है। देश की एकता और शांति के दुश्मनों को उनकी सही जगह पहुंचाया जाए।
रिपोर्टर सचिन गुप्ता जिला एटा