हिंदी पत्रकारिता सदैव रही चुनौतिपूर्ण और न्याय प्रिय: संजीव
-निष्पक्ष पत्रकारिता से पत्रकारों के हैं मजबूत इरादें
-हर खबर का असर होता है, न्यायपूर्ण
-पत्रकारिता की ताकत से है, देश में पारदर्शिता, अनुशासन और सुव्यवस्था
उझानी: अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में प्रखर बाल संस्कारशाला के कैंप कार्यालय पर हिंदी पत्रकारिता दिवस पर प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित किया गया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ पत्रकारिता है, हिंदी पत्रकारिता सदैव चुनौतिपूर्ण और न्याय प्रिय रही है। हिंदी पत्रकारिता ने ही अंग्रेजी पत्रकारिता का दबदबा खत्म किया। आज विश्व पटल पर हिंदी पत्रकारिता की पताका फहरा रही है। अंग्रेजों की नाक के नीचे पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने उदन्त मार्तण्ड समाचार पत्र का शुभारंभ किया। कलम के सिपाही अपनी जान की बाची लगाकर पत्रकारिता और पत्रकार की विश्वसनीयता को बनाए रखे हैं। अपने ऊपर हो रहे हमलों का सैनिक की तरह जबाब भी दे रहे हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता से पत्रकारों के मजबूत इरादें हैं। मृत्युंजय शर्मा ने कहा कि देश में पारदर्शिता, अनुशासन और सुव्यवस्था कलम की ताकत दिखा रही है। हर खबर का असर न्यायपूर्ण होता है। व्यक्ति, समाज और देश में फैली बुराईयों का अंत पत्रकारिता से संभव है। बच्चों ने देशभक्ति गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। प्रतिभाशाली बच्चों को गायत्री परिवार की ओर से गायत्री मंत्र का पटका और युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के सद्साहित्य विभूषित किया गया। इस मौके पर कशिश शर्मा, नेहा शर्मा, दीप्ति शर्मा, कल्पना, भूमि, खुशबू, अंशुमन, मृत्युंजय, हेमंत आदि मौजूद रहे।