बदायूं।भारत टीबी मुक्त बनाने के माननीय प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से प्रत्येक माह की 15 तारीख को एकीकृत नि:क्षय दिवस मनाया जाता है इस बार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस होने के कारण 16 अगस्त को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जायेगा जिसमें टी बी की बीमारी के साथ-साथ फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार के संभावित मरीजों को भी खोजा जाएगा लक्षण वाले मरीजों को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया जाएगा। बलगम की जाँच करने के उपरांत क्षय रोग निकलने पर अतिशीघ्र इनका उपचार शुरू किया जायेगा ज़िला क्षय रोग अधिकारी डॉ विनेश कुमार ने बताया कि इस माह का एकीकृत नि:क्षय दिवस 16 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा इस दिवस का उद्देश्य टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान गुणवत्ता पूर्ण इलाज और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है। अब इस कार्यक्रम में फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार को भी जोड़ा गया है। अब इन बीमारियों के मरीजों की स्क्रीनिंग करके उन्हें भी खोजा जायेगा उन्होंने बताया कि एकीकृत नि:क्षय दिवस से पहले आशा कार्यकर्ता ग्रह भ्रमण कर टी बी के लक्षणों के बारे में और नि:क्षय दिवस के आयोजन के बारे में समुदाय को जागरूक करेंगी सी एच ओ मरीजों की एचआईवी, डायबिटीज और अन्य जांच कराएंगे इसके अलावा बलगम का नमूना लिया जाएगा और उसे निक्षय पोर्टल पर निक्षय आईडी बनाते हुए नज़दीकी टी बी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा ज़िला क्षय रोग अधिकारी एवं जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया की 16 अगस्त 2024 को होने वाले एकीकृत नि:क्षय दिवस में फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार के मरीजों को भी चिन्हित करेंगे फाइलेरिया और कुष्ठ के लक्षणों वाले मरीजों को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र पर लाया जाएगा ताकि इनका सुचारु रूप से उपचार शुरू हो सके ।
टीबी रोग के लक्षण……..
दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी होना
दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार आना
वजन में कमी आना व भूख ना लगना
बलगम में खून आना
कुष्ठ रोग के लक्षण…….
शरीर पर सुन्नी दाग
हथेलिया, पैर, आंख में कमज़ोरी व विकृति होना
घाव जिसमें दर्द ना हो
चेहरे शरीर या कान पर गांठे छाले घाव |
फाइलेरिया के लक्षण……..
पुरुषों के अंडकोष और महिलाओं के स्तन के आकार में परिवर्तन
सर्दी देकर तेज बुखार आना
हाथ पैर में सूजन और तेज दर्द होना इत्यादि लक्षण हैं ।
इसके मॉनिटरिंग एवं सुपरविजन हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय द्वारा प्रत्येक सीएचसी पीएचसी पर एसीएमओ/डिप्टी सीएमओ की ड्यूटी लगाई गई है जो शाम को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को फीडबैक देंगे तत्पश्चात ई कवच के माध्यम से शासन को रिपोर्ट की जाएगी।