भ्रष्टाचार की जड़ों को पानी देने में लगा जितेंद्र कुमार
नवागत डीएम राजेंद्र पेंसिया से होगी शिकायत
सम्भल। जिला सूचना कार्यालय में तैनात संविदा कर्मी जितेंद्र कुमार के भ्रष्टाचार और पत्रकारों से धनउगाई मामले दिन गुजरने के साथ ही बढ़ते जा रहे हैं, एक के बाद एक पत्रकार सामने आ रहे हैं जो जितेंद्र कुमार के ऊपर धन ऊगाई के आरोप लगा रहे हैं, चार पत्रकार पहले ही जितेंद्र कुमार के ऊपर धन ऊगाई के आरोप लगा चुके हैं।अब पांचवा मामला जो बीते 4 साल रिश्वतखोरी का पुराना मामला आया है उसमें पत्रकार खुलकर सामने आ चुका है।4 साल पुराने यानी कोरोना काल मामले का जिक्र करते हुए 247 हिंदी राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल इंडिया न्यूज़ 28 के सम्भल जिला संवाददाता सुआलेहीन अशरफी का कहना है कि वह उस समय सम्भल सदर कोतवाली क्षेत्र के चंदोसी चौराहे पर रिपोर्टिंग कर रहा था।सम्भल सदर कोतवाली पुलिस ने बिना जांच पड़ताल किया फर्जी पत्रकार समझकर उसे थाने ले गई थी।जहां पूरी तफ्तीश करने के बाद बिना कार्रवाई छोड़ दिया गया है। इसी बीच जिला सूचना कार्यालय में तैनात जितेंद्र कुमार को मामले की भनक लग गई थी।उसने मौके का फायदा उठाकर उसके पास फोन किया की अगर पुलिस मेरे पास पूछने आई कि आपके कार्यालय में अथॉरिटी लेटर की एंट्री जमा है तो मैं उनसे कह दूंगा आप लेटर के साथ 2000 रुपया मुझको दे दो, उस समय मैंने लेटर के साथ 2000 रुपया जितेंद्र कुमार को बतौर सुविधा शुल्क दे दिया था, जितेंद्र कुमार अधिकतर पत्रकारों से इसी तरह डरा धमकाकर लगातार रिश्वत की मांग करता रहता है। ऐसे संविदा कर्मचारियों को कार्यालय में बने रहने का कोई हक नहीं है, सुआलेहीन अशरफी ने नवगात डीएम राजेंद्र पेंसिया के सम्मुख पेश होकर इस मामले को उजागर करने का मन बनाया है,विदित हो कि इससे पूर्व तीन पत्रकार एंट्री पास बनवाने के नाम पर 500 रुपया और 700 रुपए जितेंद्र कुमार द्वारा धन उगाही करने के आरोप लगा चुके हैं,एक और चौथा पत्रकार लोकसभा चुनाव में एंट्री पास नहीं बनाने का आरोप जितेंद्र कुमार पर लगा चुका है, अब पांचवा मामला खुलकर सामने आ गया है, बता दे कार्यालय में हटधर्मिता पर उतारू जितेंद्र कुमार अपने अधिकारी की नाक के नीचे यह सब गुल खिला रहा है, वह सब कुछ जानकर अनजान बने हुए हैं या किसी कारणवश जितेंद्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचक रहे हैं इससे माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं अधिकारी जितेंद्र कुमार को संरक्षण दिए हुए हैं, सूत्रों के अनुसार जितेंद्र कुमार के पत्रकारों से अभद्र व्यवहार और धन उगाई को रोष व्याप्त है और वह स्थानीय पत्रकारों का लगातार शोषण कर रहा है, आरोप है बगैर अवैध रसूल किए ना तो कार्यालय में अथॉरिटी लेटर जमा करता है और ना ही एंट्री पास बनवाता है,कलम हिंदुस्तानी के जिला प्रभारी सुआलेहीन अशरफी का आरोप है कि उनसे जितेंद्र कुमार ने 500 रुपए अथॉरिटी लेटर जमा करने के नाम पर लिए और लोकसभा चुनाव का पास बनाने के नाम पर 500 रुपए और लेने का वायदा था, अभी तक न्यूज़ चैनल के संवाददाता सचिन रस्तोगी ने आरोप लगाया कि उसने जितेंद्र कुमार को अपना और महिला संवाददाता का लोकसभा चुनाव पास बनाने के नाम पर 700 रुपया का अवैध शुल्क दिया है,जिसमें उसका पास बन गया, महिला संवाददाता का पास नहीं बना,इसी तरह के कुछ आरोप नेशनल टुडे चैनल के संवाददाता मोहम्मद जाने आलम ने जितेंद्र कुमार पर लगाते हुए कहा कि जब वह लोकसभा चुनाव का पास लेने कार्यालय पर पहुंचा तो जितेंद्र कुमार ने पहले उससे बात की, जब रुपया लेने के बाद पास बनाया जाएगा वाली बात मोबाइल पर सुनकर जितेंद्र कुमार ने हंसकर मामले को उड़ा दिया और फोन काट दिया, चौथे पत्रकार दैनिक निष्पक्ष पोस्ट के संवाददाता नूर इस्लाम चौधरी का आरोपी की वह लोकसभा चुनाव का पास बनवाने के लिए कार्यालय पर डटा रहा, लेकिन जितेंद्र कुमार ने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया और अथॉरिटी लेटर भी जमा नहीं किया, जिसकी वजह से उसका लोकसभा चुनाव मतगणना का पास नहीं बन पाया, इस तरह के तमाम आरोप लगाए हैं सम्भल जिले के पत्रकारों ने जितेंद्र कुमार पर लगाते हुए कहा कि पत्रकारों के शोषण करने वाले जितेंद्र कुमार को कार्यालय में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है ऐसे व्यक्ति पर जल्द ही जिला अधिकारी कार्रवाई करें, अन्यथा मजबूरी में पत्रकारों को भविष्य में एक बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट
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