माता पिता के हत्यारे एडवोकेट बेटे को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
प्रॉपर्टी के लालच में माता-पिता को उतारा था मौत के घाट
39 माह पहले की थी घटना, अब मिली सजा
बरेली। मीरगंज के बहरोली गांव में चर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में कोर्ट ने हत्यारे एडवोकेट बेटे को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। हत्यारे ने प्रॉपर्टी के लालच में वारदात को अंजाम दिया था। जिला शासकीय अधिवक्ता लोक अभियोजक सुनीति कुमार पाठक ने प्रभावी पैरवी की। इसके बाद साक्ष्यों के आधार पर सजा सुनाई गई है।सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने मीरगंज के चर्चित प्रकरण जिसमें हत्यारे दुर्वेश ने अपनी मां मोहन देवी और पिता लालता प्रसाद की हत्या कर दी थी। इस प्रकरण में मंगलवार को मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश के यहां इस केस की पैरवी उनके निर्देश पर अधिवक्ता सुनील कुमार पांडेय कर रहे थे। वह भी लगातार इस केस पर नजर बनाए हुए थे। प्रभावी पैरवी करके हत्यारे को दोषित कराने में सफलता प्राप्त हुई। साक्ष्य के आधार पर ही सजा सुनाई गई है। दुर्वेश कुमार पेशे से अधिवक्ता है। उसके सगे भाई अधिवक्ता उमेश कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
संपत्ति के लालच में दुर्वेश ने अपने माता-पिता की हत्या कर दी थी। 2020 से ही गिरफ्तारी के बाद प्रभावी पैरवी के कारण उसकी जमानत नहीं होने दी। वादी उमेश कुमार के मुताबिक 13 अक्टूबर 2020 को वह और उनकी पत्नी हेमलता गंगवार अपने माता-पिता के लिए चाय लेकर जा रहे थे। जब वह मंदिर के पास पहुंचे तो घर से फायर की आवाज सुनाई दी। जब वह महिपाल के घर के पास पहुंचे थे तो उन्होंने देखा उनका सगा भाई दुर्वेश कमरे से पिता के शव को कमरे में ले जा रहा था। उनकी चीख सुनकर आरोपी तमंचा लेकर उनकी ओर दौड़ा कि इतने में उनकी मां शौचालय से बाहर आई थी इतने में दुर्वेश ने उनको भी गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया था।