बदायूं l सैफ़ उद्दीन ने कहा आज मुझे अपने शिक्षक होने पर गर्व महसूस हो रहा है,पिछले 21 दिन से मैं कोविड से संघर्ष कर रहा था और मेरी स्तिथी बेहद दयनीय थी और मेरी हालत बहुत ख़राब थी,मेरा एक शिष्य,डॉक्टर अजीत पाल सिंह,जो कि मेडिकल कॉलेज में भी कार्यरत है और ज़रूरतमंदों का इलाज मुफ़्त भी कर रहा है,ने मेरा हाल चाल जाना और फ़ोन पर मुझे हर सुविधा उपलब्ध करायी,फ़ोन पर सुझाव इसलिए बेहतर था क्यूँकि संक्रमण बहुत तेज़ी से फैल रहा था,यहाँ तक दवा भी मेरे घर पर भेजी।फ़ोन पर ही मुझको सुझाव भी दिया के यदि आपका ऑक्सिजन स्तर गिर जाए तो प्रोन सिस्टम(फ़ोटो संलग्न है)से ठीक हो जाता है,मैंने और मेरे बहुत से सम्बंधियों ने इसको भी आज़माया और फ़ायदा हुआ,जहां मेरे लाखों ख़र्च होने का अंदेशा था,मेरा ईलाज डॉक्टर अजीत ने बहुत सस्ते में कर दिया,आज मैं बिलकुल स्वस्थ हूँ और अपने शिष्य डॉक्टर अजीत उर्फ़ माईटी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ,अल्लाह इसको बदायूँ में दिन दुगनी रात चौगनी तरक़्क़ी अता फ़रमाए।सलाम है माईटी तुमको