विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अन्तर्गत मण्डल के समस्त जनपदों की ग्राम पंचायतों में दिनांक 31 अक्टूबर तक चलाया जायेगा अभियान
उप कृषि निदेशक(कृषि रक्षा) विश्वनाथ ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान-2023 (तृतीय चरण) मण्डल के समस्त जनपदों की ग्राम पंचायतों में दिनांक 31 अक्टूबर, 2023 तक अभियान चलाया जा रहा है। चूहें एवं छछूंदर द्वारा स्क्रब टाईफस एवं लेप्टोस्पायरोसिस नामक बीमारी फैलती है। यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया जाता है तो इस बीमारी से मृत्यु भी हो सकती है, जिसके लिये चूहें एवं छछूंदर का नियंत्रण अति आवश्यक है। चूहें अपना बिल झाड़ियों, कूड़ा एवं मेड़ों आदि में स्थायी रूप से बनाते है, जिसके लिये खेतों का समय-समय पर निरीक्षण एवं साफ-सफाई करके इनकी संख्या को नियंत्रित किया जा सकता सकता है। चूहा एवं छछूंदर नियंत्रण हेतु अन्न भण्डारण पक्का, कंकरीट पत्थर धातु का बने पात्रों में ही करना चाहिए ताकि उनको भोज्य पदार्थ आसानी से ना मिल सकें। साथ ही एल्यूमिनियम फास्फाइड दवा की 03-04 ग्राम मात्रा प्रति जिंदा बिल में डालकर बिल बन्द कर देने से उससे निकलने वाली फास्फीन गैस से चूहे मर जाते है। घरों में ब्रोमोडियोलान 0.005 प्रतिशत के बने चारे की 10 ग्राम मात्रा, जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत 01 ग्राम मात्रा प्रत्येक जिन्दा बिल में रखने से चूहें उसको खाकर मर जाते हैं। किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत ई-के0वाई0सी0 15 अक्टूबर 2023 तक करा लें।