बदायूँ । टीबी मुक्त भारत पंचायत एवं फैमिली केयर गिवर कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। जिसका मुख्य उद्देश्य समाज से टीबी की बीमारी को भारत से 2025 तक समाप्त करना है,जिसके अंतर्गत गुरुवार को जनपद के 10 ब्लॉक के 30 प्रतिभागियों को प्रतिभाग करना था। जिसमे 2 प्रतिभागी स्वास्थ्य विभाग एवं एक प्रतिभागी पंचायत विभाग से लिया गया है। प्रशिक्षण अचल प्रशिक्षण केद्र जिला महिला चिकित्सालय में हर ब्लॉक से चयनित 3 मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण कराया गया प्रशिक्षण जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विनेश कुमार , डॉ मानस शर्मा डब्लूएचओ कंसलटेंट एवं बृजेश राठौर एसटीएस के द्वारा दिया गया। टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने के लिए सबसे पहले पंचायत की शुरुआती बैठक करना है। टीबी मुक्त पंचायत करने की तैयारी, ग्राम पंचायत को अपना टीबी मुक्त पंचायत का दावा ब्लॉक पंचायत के माध्यम से जिला क्षय रोग अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। जिला टीम द्वारा दावों का सत्यापन कर टीबी मुक्त पंचायत की घोषणा और अंत में

प्रमाण पत्र जारी करना टीबी मुक्त पंचायत पहल की रिकॉर्डिंग एवं रिपोर्टिंग करना शामिल हैं। हम किसी ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त तब कहेंगे जब उस ग्राम पंचायत में एक हजार की आबादी पर कम से कम 30 संभावित टीबी के मरीजों की जांच हो ग्राम पंचायत में एक हजार की आबादी पर एक या एक से कम टीबी का मरीज निकला हो,टीबी के उपचार की सफलता दर 85 प्रतिशत से अधिक हो जो टीबी के मरीज निकले हैं। उनमें से दवा संवेदनशीलता की जांच दर 60 प्रतिशत से अधिक हो निश्चय पोषण योजना शत प्रतिशत एवं प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत मरीजों द्वारा प्राप्त पोषण संबंधी सहायता शत प्रतिशत हो तब हम मानेंगे कि संबंधित ग्राम पंचायत टीबी मुक्त हुई है। यह प्रशिक्षण कल 6 अक्टूबर को भी कराया जाएगा। जिसमें बाकी बचे हुए ब्लॉक के अधिकारी एवं कर्मचारी प्रतिभाग करेंगे।