सीएचओ ने एएमएस पोर्टल एप पर गलत तरीके से लगा रहे हाजरी, पंद्रह बिंदुओं पर नही कर रहे काम, वेतन भत्ता किया होल्ड
बदायूँ । प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में सीएचओ की नियुक्ति की गई जिसमें 15 बिंदुओं पर काम करने के लिए उन्हें नियुक्त किया गया था मगर वह अपने काम में खरे नहीं उतरे इसको संज्ञान में लेकर डीपीएम द्वारा वेतन भत्ता रोक दिया है। एसोसिएशन कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर संगठन ने सीएमओ ऑफिस पर धरना प्रदर्शन कर इस संबंध में गुरुवार को डीपीएम पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीएमओ को संबोधित सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा है।
सरकार ने जन-जन तक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सीएचओ की नियुक्ति
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) की तैनाती की गई है।एसोसिएशन कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर संगठन ने आरोप लगाया है कि डीपीएम कमलेश कुमार शर्मा द्वारा सीएचओ अटेंडेंट मैनेजमेंट सिस्टम के नाम पर मानसिक शोषण और दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा वेतन भत्ता रोका गया है जबकि एएमएस पोर्टल एप पर गलत तरीके से उपस्थित दर्ज कर वेतन भत्ता रोका जा रहा है।
जबकि उझानी ब्लॉक की सीएचओ इंदु कुमारी अपनी उपस्थिति एक गांव के पुरुष के द्वारा लगवा रही थी जानकारी होने के बावजूद भी डीपीएम के द्वारा उनका वेतन खाते में भेज दिया गया है। और उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
डीपीएम कमलेश कुमार शर्मा ने सीएचओ का वेतन भत्ता रोकने का बताया कारण
सीएचओ गलत तरीके से हाजरी लगा रहे है, एएमएस पोर्टल एप पर सही तरीके से उपस्थित दर्ज नही कर रहे है। सीएचओ के लिए पंद्रह बिंदुओं पर काम करने के लिए सरकार ने नियुक्त किया है लेकिन वह अपने काम में खरे नहीं उतर रहे है और अपना काम सही ढंग नहीं कर रहे है, इसलिए वेतन-भत्ता सीएमओ के द्वारा होल्ड कर दिया है और सीएचओ के द्वारा जो आरोप लगाए गए है वह निराधार है। सीएचओ का कार्य ग्रामीण इलाको में मरीजों को टेली कंसलटेंसी द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उपचार दिलवाना और जरूरत होने पर मरीजों को अस्पताल भिजवाने तक का कार्य सौंपा गया है। मगर वह अपने काम में खरे नहीं उतर रहे है।इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष हिमालय कुमार और समस्त महिला पुरुष सीएचओ मौजूद रहे।