बदायूँ : गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर पितृपक्ष में नियमित श्राद्ध कर्म कराया जा रहा है। शनिवार को वीरपाल सिंह सक्सेना ने गायत्री शक्तिपीठ पर अपने पितरों के लिए श्राद्ध तर्पण किया। सचिन देव ने कहा पितृपक्ष में पितरों के लिए तर्पण श्राद्ध और पिंडदान के द्वारा उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है। पितरों के लिए श्रद्धा से किए गए मुक्ति कर्म को श्राद्ध कहते हैं। पितरों के लिए किए गए कर्म जिसके द्वारा उनकी तृप्ति हो तृप्त करने की ही क्रिया तर्पण कहते हैं। उन्होंने कहा कि तर्पण कर्म छह प्रकार के होते हैं। देव–तर्पण, ऋषि–तर्पण दिव्यमानव–तर्पण, दिव्य पितृ तर्पण, तर्पण और मनुष्य पितृ तर्पण। इस मौके पर माया सक्सेना, महेश कुमार, राजेश्वरी, प्रज्ञा आदि मौजूद रहे।