भ्रष्टाचार का स्टॉफ पर परिजनों ने लगाया आरोप

आयशा नर्सिंग होम ने डिलीवरी कराने के लिए तीस हजार रुपए

बदायूं। जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती एक नवजात शिशु की मंगलवार को दोपहर लगभग डेढ़ बजे मौत हो गई। सुबह के समय ड्यूटी पर तैनात डाक्टर और स्टॉफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। आरोप है कि पांच हजार रुपए न देने की वजह से इलाज में लापरवाही की गई उन्होंने बताया कि भर्ती कराने के बाद मुझसे चाय पानी के नाम पर रोज रुपए लेते रहे जब आज रुपए देना बंद कर दिया तभी शिशु के इलाज में एसएनसीयू स्टॉफ लापरवाही बरतने लगा जिसके कारण मेरे नवजात शिशु की मौत हो गई।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत कराकर नवजात शिशु के शव परिजनों के हवाले कर दिया गया। इस मामले को लेकर परिजनों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है।

मूसाझाग थाना क्षेत्र के गांव नवादा सुलरा निवासी दिनेश की पत्नी अंजू को प्रसव पीड़ा होने पर 25 जून को रात 11 बजे जिला महिला अस्पताल लाया गया। यहां अंजू की हालत गंभीर देख चिकित्सक ने निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। जब प्रसूता के परिजन अस्पताल के बाहर आए तभी आयशा नर्सिंग होम के दलाल ने अपनी गाड़ी में बैठा उसे अस्पताल नवादा ले गया और अच्छे इलाज का हवाला दिया परिजन उस दलाल की बातों में फंस गए। फिर वहां जाकर डिलीवरी करा दी। जिसमें उन्हें अच्छी खासी रकम का बोझ झेलना पड़ा।

नर्सिंग होम और आशा की साठगांठ का खेल

आयशा नर्सिंग होम विवादों में पहले भी घिरा रहा है कुछ समय पूर्व डीएम ने इस नर्सिंग होम को सील कर दिया था। जिसमें गिफ्ट लेती हुई 20 आशा पकड़ी गई थी। वहीं गांव की आशा कार्यकत्री मुन्नी देवी प्रसूता अंजू और उसके परिजन को लेकर आयशा नर्सिंग होम नवादा बिसौली रोड़ ले गई। वहां अंजू ने बेटे को जन्म दिया। मगर शिशु के जन्म के बाद उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी जिसके कारण नवजात शिशु की हालत खराब होने लगी थी। हालत बिगड़ने पर उसे जिला महिला अस्पताल के गहन शिशु चिकित्सा इकाई में नवजात शिशु को भर्ती करा दिया गया। सुबह के समय ड्यूटी पर तैनात डाक्टर और स्टॉफ पर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है। आरोप है कि पांच हजार रुपए न देने की वजह से इलाज में लापरवाही की गई उन्होंने बताया कि भर्ती कराने के बाद मुझसे चाय पानी के नाम पर रोज रुपए लेते रहे जब आज रुपए देना बंद कर दिया तभी शिशु के इलाज में एसएनसीयू स्टॉफ लापरवाही बरतने लगा जिसके कारण मेरे नवजात शिशु की मौत हो गई। मैंने स्टॉफ से सुबह कहा कि मुझे मेरा बच्चा दिखा दो मगर उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी जबकि मेरी भाभी रिंकी से ग्यारह हजार लेने के बाद भी मेरे बच्चे के इलाज में लापरवाही की गई।जिसकी इलाज के दौरान मंगलवार दोपहर लगभग डेढ़ बजे नवजात शिशु की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा बुझाकर कर शांत करा दिया और शिशु का शव लेकर परिजन घर चले गए। इस मामले को लेकर परिजनों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है।

नोडल अधिकारी एसएनसीयू डॉ संदीप वार्ष्णेय ने कहा कि नवजात शिशु जब भर्ती हुआ था तब उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
सीएमएस डॉ इंदुकात वर्मा ने कहा कि नवजात शिशु की मौत का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है नही अभी तक मेरे पास कोई शिकायत नही आई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।