Three people including SP minister will be sentenced tomorrow in gang rape case
सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगरेप के मामले में दोषी करार दिया है. गायत्री के साथ दो अन्य आरोपी आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी भी दोषी पाए गए हैं जबकि चार आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. गायत्री समेत तीनों आरोपियों को 12 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी. चित्रकूट की महिला ने साल 2016 में तत्कालीन Cabinet Minister गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके सहयोगियों पर गैंगरेप का आरोप लगाते हुए पुलिस अधिकारियों से शिकायत की थी. पीड़िता का कहना था कि खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति ने उन्हें खनन के पट्टे दिलाने का झांसा देकर गौतमपल्ली स्थित आवास बुलाकर कई बार रेप किया. साल 2014 से जुलाई 2016 तक उसका शोषण किया जाता रहा.
यही नहीं, गायत्री और उनके सहयोगियों ने पीड़िता की नाबालिग बेटी का भी यौन शोषण किया. Gayatri Prasad Prajapati समाजवादी पार्टी की सरकार में रसूखदार और प्रभावशाली राजनेता थे इसलिए पुलिस-प्रशासन ने उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की. पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली. Supreme court के आदेश पर पीड़िता की तरफ से गौतमपल्ली थाना में फरवरी 2017 को गायत्री और उनके सहयोगियों के खिलाफ गैंगरेप, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी. 15 मार्च 2017 को पुलिस ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. गायत्री के सहयोगी और उन्हें शरण देने के आरोपी अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था
गायत्री को बचाने के लिए पीड़िता पर काफी दबाव डाला गया. यहां तक कि उसे रुपया व प्लॉट भी दिए गए. मामले में नया मोड़ तब आया जब रेप पीड़िता ने अपने बयान बदल दिए और गायत्री के पक्ष में बयान दे दिया. मामले की सुनवाई के दौरान बार-बार बयान बदलना पीड़िता को भारी पड़ा और कोर्ट ने उसके खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को पीड़िता के अलावा राम सिंह राजपूत और अंशु गौड़ के खिलाफ जांच करने का आदेश देते हुए कहा कि पुलिस इस बात की पड़ताल करें कि इन तीनों ने किसके प्रभाव में आकर गवाही के दौरान अपने बयान बदले.
एफआईआर में गायत्री के अलावा आशीष शुक्ला, अशोक तिवारी, अमरेंद्र सिंह पिंटू, चंद्रपाल, विकास वर्मा, रूपेश्वर उर्फ रुपेश के नाम शामिल थे. MP-MLA Court के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने फैसला सुनाते हुए गायत्री प्रसाद प्रजापति आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को गैंगरेप और POCSO ACT में दोषी पाया है जबकि बाकी चारों को कोर्ट ने बरी कर दिया. कानून के जानकारों का कहना है कि गायत्री और उसके साथ दो अन्य दोषियों को अधिकतम आजीवन कारावास या मृत्युदंड हो सकता है.