श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर किए कार्यक्रम
बदायूँ। अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में चल रहे प्रखर बाल संस्कारशाला के कैंप कार्यालय पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। बच्चों के लोकनृत्य और बरसाने की होली आकर्षण का केंद्र रही।
निर्मल गंगा जन अभियान के सुखपाल शर्मा ने कहा कि बच्चे भगवान का साक्षात रूप हैं। उनका निर्मल मन पावनता प्रदान करता है। बच्चों को धरोहर में संपत्ति नहीं, संस्कार दें।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व और गीता के ज्ञान ने संसार को सुंदर, समुन्नत, सुविकसित और सुव्यवस्थित बनाया। भूलोक वासियों को गौसंवर्धन की प्रेरणा दी।
महोत्सव में कशिश, कल्पना, नेहा, दीप्ति, अद्भुत, भूमि, आयुषी, अंश, रौनक, कनक आदि ने लोकनृत्यों और बरसाने की होली की शानदार प्रस्तुति दी। भगवान श्रीकृष्ण और माता राधा, देवो के देव महादेव और माता पार्वती, मां दुर्गा आदि के रूप सजे बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे। इस मौके पर मुन्नी देवी शर्मा, आरती शर्मा, रीना शर्मा, पिंकी शर्मा, पल्लवी, खुशबू, कशिश, सोनिया, प्रयांश, हेमंत आदि मौजूद रहे। संचालन मृत्युंजय शर्मा ने किया।