
डबल डेकर बसों का संचालन प्रमाणित संस्थाओं के प्रमाणपत्र उपरांत ही संभव — एसटीओ पंकज सिंह
स्लीपर बसों हेतु एआईएस-119 व सामान्य बसों हेतु एआईएस-052 मानक अनिवार्य
सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्रवर्तन दलों की सतत कार्यवाही जारी
बरेली, 10 नवम्बर।
संभागीय परिवहन अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि दिनांक 1 अप्रैल 2025 से 30 अक्टूबर 2025 तक बरेली संभाग में कुल 497 बसों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है। इनमें जनपद बरेली में 135, बदायूं में 102, पीलीभीत में 130 तथा शाहजहांपुर में 130 बसें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग के सचल एवं अचल दलों द्वारा 24×7 निगरानी रखी जा रही है तथा नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध लगातार प्रवर्तन कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके तहत जागरूकता अभियानों, सेमिनारों और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
संभागीय परिवहन अधिकारी ने कहा कि जनपद में संचालित बसों की बॉडी ARAI (Automotive Research Association of India) द्वारा प्रमाणित निर्माताओं से ही निर्मित कराई जाती है। बॉडी निर्माता द्वारा प्रमाण पत्र जारी किए जाने के उपरांत ही बस की फिटनेस, प्रमाण पत्र और पंजीयन जारी किया जाता है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बस बॉडी निर्माण के मानक निर्धारित किए गए हैं —
- स्लीपर बसों हेतु: AIS-119
- सामान्य बसों हेतु: AIS-052
इन मानकों के अंतर्गत बसों की संरचना, सुरक्षा उपकरण और आपातकालीन प्रावधानों से संबंधित समस्त दिशा-निर्देश शामिल हैं।
श्री सिंह ने आगे बताया कि टूरिस्ट परमिट से आच्छादित अधिकांश बसें ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट के अंतर्गत संचालित होती हैं। ऐसे वाहन स्वामी तीन माह हेतु ₹90,000 अथवा एक वर्ष हेतु ₹3,20,000 शुल्क जमा कर राज्य परिवहन प्राधिकरण से परमिट प्राप्त करते हैं, जिससे उन्हें विभिन्न मार्गों पर यात्रियों को चढ़ाने-उतारने की अनुमति मिलती है।
उन्होंने कहा कि जनपद बरेली से होकर चार राष्ट्रीय राजमार्ग — एनएच-30, एनएच-24, एनएच-21 और एनएच-530बी गुजरते हैं, जो बरेली को अनेक प्रमुख शहरों से जोड़ते हैं। इन मार्गों पर लंबी दूरी की अधिकांश बसें संचालित होती हैं, जो विभिन्न जिलों एवं राज्यों में पंजीकृत हैं।