बदायूं: स्वच्छ भारत मिशन के चलते ग्राम पंचायत में शौचालयों की स्थापना कराई गई थी ताकि खुले मैदान में गंदगी न फैले तथा रोगों से भी निजात मिल सके, लेकिन सालारपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत बिलहैत में

बना सामुदायिक शौचालय खुद ही गंदगी की बीमारी से ग्रसित है। इस कारण ग्रामीण और फरियादी शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं। इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत

करने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। सालारपुर विकास खंड में लगभग 77 ग्राम पंचायते हैं। इन सभी ग्राम सभाओं में स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनवाए गए थे। इसको लेकर सरकार के सर्वे के बाद सालारपुर ब्लॉक को ओडीएफ का भी दर्जा मिल चुका है। शौचालयों के प्रयोग के लिए

कई बार बैठकों तथा गांव में भी टीमों को भेजकर ग्रामीणों को जागरूक भी किया गया। विकास खंड परिसर में आने वाले फरियादियों के लिए लाखों रुपये की लागत से सावर्जनिक शौचालय का निर्माण कराया गया। क्षेत्र से आने वाले फरियादियों तथा ग्रामीणों को शौच लगने पर बाहर न जाना पड़ा, लेकिन यह सार्वजनिक शौचालय देखरेख तथा साफ-सफाई के

अभाव में खुद गंदगी से बीमार पड़ा है। जबकि ग्राम सभाओं के लिए सामुदायिक शौचालय पर केयर टेकर भी तैनात किए गए। इसके बावजूद भी सार्वजनिक शौचालय की हालत बदतर है। ग्रामीण भी इस शौचालय की ओर जाने से भी कतराते रहते हैं।

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