बरेली।अवैध निर्माण = 6,499

ध्वस्तिकरण = 5,910

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार विकास प्राधिकरणों से लेकर आवास विकास परिषद से पहली जनवरी 2012 से 31 दिसंबर 2024 तक के अवैध निर्माणों की मंगाई गई रिपोर्ट से साफ है कि पिछले 13 वर्षों के दौरान प्रमुख शहरों में 1,77,018 अवैध निर्माणों के मामले सामने आने पर वाद दायर किए गए।

गौर करने की बात यह है कि इनमें से 83,998 अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश भी पारित किए गए लेकिन अब तक गिराए सिर्फ 11,677 ही गए हैं। इससे साफ है कि ध्वस्तीकरण के आदेश के बावजूद 72 हजार से अधिक अवैध निर्माण बरकरार हैं। इनमें से 19,255 अवैध निर्माणों के मामले में जहां शमन की कार्यवाही की गई है वहीं 3,210 अवैध निर्माण के मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित है।

अगर शमन व कोर्ट में लंबित मामलों को छोड़ भी दें तब भी लगभग 50 हजार अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश पर अब तक विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद ने अमल नहीं किया है। विभिन्न शहरों में परिषद की योजनाओं में 8,035 अवैध निर्माण पाए गए हैं।

इनमें से 6,341 में ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किए गए लेकिन अब तक 258 ही ध्वस्त किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि आवास मंत्री का भी दायित्व संभाल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राधिकरण-परिषद के इंजीनियरों की मिलीभगत से शहरों में अवैध निर्माण के ‘खेल’ पर अंकुश लगाने के तमाम निर्देश दिए हैं लेकिन अब तक कोई भी कारगर साबित होता नहीं दिखा। अब कोर्ट के बेहद कड़े रुख से अवैध निर्माणों पर कुछ हद तक अंकुश लगने की उम्मीद जरूर जताई जा रही है।

प्रमुख शहर
कुल अवैध निर्माण
ध्वस्तीकरण के आदेश

अवैध ——– ध्वस्त
लखनऊ 15,046। 9,467
प्रयागराज 26,552 18,828
गाजियाबाद 16,484- 10,684
मेरठ 12,437 – 5,387
वाराणसी 11,679 – 4,581
आगरा। 4,983 850
बरेली। 6,499 5,910
कानपुर 6,715 3,989
मुरादाबाद। 7,973 936
सहारनपुर। 9,291 2,747
अलीगढ़ 6,250 917
बुलंदशहर 3,951 1,541
अयोध्या। 3,784 951
झांसी। 2,707 171
मथुरा-वृंदावन। 7,316 1,600
गोरखपुर 8,734 2,484
मुजफ्फरनगर। 2,831 2,462
बस्ती। 1,771 47
रायबरेली। 3,945 159
उन्नाव-शुक्लागंज। 1,220 505
चित्रकूट 421 71
बांदा 453 44
मीरजापुर। 744 11
रामपुर 997 464
हापुड़-पिलखुवा। 3,976 2,171
उरई

1,151

उपाध्यक्ष के निर्देश पर लगातार किया जा रहा है अवैध निर्माण का ध्वस्तीकरण..

बरेली में BDA उपाध्यक्ष मणिकानंदन A के निर्देश पर लगातार अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है लगभग उनके कार्यकाल में अभी तक 1000 अवैध निर्माणों व 500 अवैध कॉलोनीयों को गिराया जा चुका है, साथ ही साथ रामगंगा योजना के बाद ग्रेटर बरेली योजना भी जनता हाथों हाथ ले रही,

बसंत पंचमी के मौके पर बीडीए ने 103 करोड़ रुपये मूल्य के 154 भूखंड का किया आवंटन..

बरेली। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने लाटरी निकालकर विभिन्न श्रेणियों के 154 आवासीय भूखंडों का आवंटन किया। प्राधिकरण को 103 करोड़ रुपये राजस्व मिलेगा।

प्राधिकरण के नवीन कार्यालय परिसर में रामगंगा नगर एवं ग्रेटर बरेली आवासीय योजना के भूखंडों का आवंटन करने के लिए शिविर लगाया गया। आवंटन के लिए आवेदकों के सामने लाटरी निकाली गई। उन्होंने बताया कि रामगंगानगर एवं ग्रेटर बरेली आवासीय योजना 60 मीटर चौड़े बरेली-बीसलपुर मार्ग तथा 80 मीटर चौड़े लखनऊ दिल्ली मार्ग बड़ा बाइपास पर स्थित है। योजना में 45 व 30 मीटर चौड़ी जोनल रोड बनाई जा रही हैं। आंतरिक सड़कों की चौड़ाई भी 18, 12 एवं 9 मीटर है। बिजली लाइनें भूमिगत होंगी। साथ ही 132 केवीए का विद्युत उप केंद्र भी प्रस्तावित किया गया है। दोनों योजनाओं में होटल, अस्पताल, विभिन्न स्तर के शैक्षिक संस्थान व साइबर सिटी, मल्टीप्लेक्स की स्थापना के लिए भी भूखंड आरक्षित किए गए हैं। स्पोटर्स स्टेडियम, सेंट्रल पार्क व अन्य नेवरहुड पार्क प्रस्तावित किए गए हैं। शिविर में गौतम सिंह, विशेष कार्याधिकारी, शिवधनी सिंह यादव मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी, एपीएन सिंह अधिशासी अभियंता उपस्थित रहे।

BDA करेगा पीलीभीत बायपास रोड को सिक्स लेन..

बरेली में बैरियर टू से बड़ा बाइपास तक की चार किलोमीटर सड़क को टू लेन से सिक्स लेन किया जाएगा। इस पर करीब 60 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यूटिलिटी शिफ्टिंग के सौथ सड़क के दोनों ओर लगे पेड़ हटेंगे। सड़क के लिए टेंडर निकाल दिए गए हैं। फरवरी में खुलेंगे। मार्च में काम शुरू होने के आसार है। अगर कोई बाधा न पड़ी तो साल 2025 में सड़क चौड़ी हो जाएगी। बीडीए ने इसकी तैयारी की है।

ग्रेटर नोएडा से कम नहीं होगी ग्रेटर बरेली योजना

बरेली में 238 हेक्टेयर भूमि पर बसाई जा रही ग्रेटर बरेली आवासीय योजना के दो सेक्टरों में स्थल विकास शुरू हो गया है। कार्यदायी संस्था ने सीवर, सड़क और बिजली लाइनों का काम शुरू कर दिया है।  छह महीने में स्थल विकास के ज्यादातर काम पूरे होंगे और आवंटियों को उनके भूखंडों के बैनामे कर दिए जाएंगे। इसके बाद वे अपना आशियाना बना सकेंगे।

बरेली-बीसलपुर मार्ग के किनारे ग्रेटर बरेली के सेक्टर वन-बी में विभिन्न श्रेणियों के 495 भूखंड बनाए गए हैं। इनमें से 435 आवंटित हो चुके हैं। सेक्टर दो-ए में 798 भूखंड विकसित किए गए हैं। इसमें से 624 आवंटित हो गए हैं, लेकिन किसी आवंटी को अब तक कब्जा नहीं मिला है। सेक्टर एक के विकास के लिए 32.28 करोड़ रुपये की परियोजना पहले ही मंजूर हो चुकी है। 

ग्रेटर बरेली में प्लाटों की संख्या..

ग्रेटर बरेली आवासीय योजना के सेक्टर-03 (गेट बंद कॉलोनी) के भूखण्डों के क्षेत्रफल 200 वर्ग मीटर के 110 प्लॉट, 162 वर्ग मीटर के 212 प्लॉट, 112.50 वर्ग मीटर 20 प्लॉट, सेक्टर-4 के भूखंडों के क्षेत्रफल 200 वर्ग मीटर के 78 प्लॉट, 162 वर्ग मीटर के 88 प्लॉट एवं 112.50 वर्ग मीटर के 171 प्लाट हैं.