उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अक्सर यह कहते सुना होगा कि यूपी में बेटियों से दुष्कर्म करने बालों की जगह जहन्नुम में है या जेल में उनकी कथनी करनी में कोई अंतर नहीं, बैसी ही अब यूपी पुलिस की कार्यशैली बन गई है। आज न्यायपालिका इस लिए ही अभिलम्ब पीड़ितों को न्याय देने में सक्षम है।
ऐसे ही एक न्याय की मिसाल यूपी के बदायूं में सामने आई है। यहां दुष्कर्म के आरोपी को स्पेशल पास्को कोर्ट ने घटना के महज पांच महीने में आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और पीडिता के भरण पोषण हेतु 1 लाख 27 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, न्यायालय का यह फैसला मिसाल बन रहा है यूपी पुलिस की पैरवी और अभियोजक की कुशलता की पीड़ित परिवार न्यायालय को और उप्र सरकार को धन्यवाद दे रहा है,
आपको बताते चलें जिस तरह की घटना को लेकर अंजाम दिया गया था पूर्व सांसद संघ मित्रा मौर्य ने मुख्यमंत्री से मिलकर शीघ्र कठोर कार्रवाई की मांग की थी, क्षेत्र में भी गहरा आक्रोश व्याप्त रहा था।
बदायूं जिले के कादरचौक थाना क्षेत्र के एक गांव की आठ साल की कक्षा 3 की छात्रा मासूम बच्ची को खेतों में परिवार के साथ खेल रही थी पडोसी गांव का आरोपी वीरेश यादव मक्का का भुट्टा खिलाने के बहाने बहला कर खेत में लेगया और मासूम के साथ दुष्कर्म ब कुकर्म कर जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गया था। घटना 14 जून को हुई क्षेत्र में आक्रोश हुआ। पुलिस तलाश में लग गई दिनांक 22 जून को ड्रोन कैमरा की मदद से जगंल में इनकाउंटर के दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया, इन्वेस्टीगेशन कर रहे थाना प्रभारी उदयवीर सिंह ने महज 15 दिन के अंदर चार्जसीट दाखिल कर दी, फारिंसिक रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट आदि साक्ष्यों के आधार पर शासकीय अधिवक्ता पास्को कोर्ट अमोल जौहरी, वीरेंद्र कुमार, आदि की कुशल प्रस्तुतीकरण से न्यायधीश ने आरोपी वीरेश यादव को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास ( शेष प्राकृत जीवन ) की सजा दी वहीं बच्ची के पक्ष में प्रदान करने हेतु 1 लाख 27 हजार का जुर्माना लगाया है।
इस न्याय के बाद पीड़ित परिवार सरकार का पुलिस का और अभियोजक टीम का धन्यवाद करते हुए सरकार से बच्ची के भविष्य की चिंता हेतु पढ़ाई, शादी हेतु सहायता की मांग कर रहा है।
रिपोर्टर शिव प्रताप सिंह