बदायूॅ । एक मामला 24 मई का है 15 वर्षीय अमित माथुर का झगडा खेलते समय गाॅव में आपस में हो गया था जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया था, जिसकों प्राथमिक उपचार हेतु जिला चिकित्सालय लाया गया जहाॅ उसकी नाजुक हालत को देखते हुए भर्ती कर लिया गया।
अव्यवस्थाओं के नाम पर पूर्व से ही जिला चिकित्सालय बदायूॅ पर सवालिया निशान थे और अब इस कोविड-19 में तो इन्जरी के मरीजो की स्थिति दयनीय बनी हुई है। इमरजेन्सी वार्ड के 6 नम्बर बैड पर भीष्ण गर्मी में पंखा खराब होने 3 दिन दर्द से झटपटा रहे मरीज को दवा व स्वास्थ्य सेवाए न मिल पाने से परेशान परिजनों ने मुख्य चिकित्सा अघीक्षक श्री नरेन्द्र बहादुर राम को समस्या से अवगत कराया।
26 मई को श्री नरेन्द्र बहादुर राम ने अपने स्टाफ के साथ मौके का मुआयना तो किया लेकिन मरीज के साथ कोई हमदर्दी नही की, परिजनों व मरीज डा0 के सामने चिकित्सा सुविधा हेतु हाथ जोडते रहे, लेकिन मुख्य चिकित्सा अघीक्षक बदायूॅ व स्टाफ का दिल नही पसीजा आखिरकार मरीज उसी अवस्था में पडा रहा, 27 मई को स्टाफ द्वारा एक्स-रे की फार्मलटी पूरी करते हुए जहाॅ मरीज के परिजन मुख्य चिकित्सा अघीक्षक बदायूॅ के कार्यालय में मामले को अवगत कराने के लिए दोबारा गए, तोे मुख्य चिकित्सा अघीक्षक बदायूॅ के इशारे पर स्टाफ द्वारा गम्भीर हालत में मरीज को सही है बताते हुए डिस्चार्ज कर दिया गया। ताकि पीछा छूट जाए।
अमित माथुर एक बेरोजगार युवक है पिता की मृत्यू हो चुकी है सरकारी अस्पताल बदायूॅ का हाल पहले से भी बदतर है इस पुूरे मामले को लेकर मरीज ने मुख्यमन्त्री सहित ए0डी0 हेल्थ व जिलाधिकारी से मुख्य चिकित्सा अघीक्षक बदायूॅ के विरूद्व आवश्यक कार्यवाही की माॅग की है।