संभल। यूपी के जनपद सम्भल मैं मरकज़ी इदारा मरकज़ी मदरसा अहले सुन्नत अजमल उल उलूम, तेल मण्डी सम्भल में मुफ़्ती-ए-आज़म सम्भल मुफ़्ती अलाउद्दीन अजमली व क़ारी तनज़ीम अशरफ़ अजमली की अध्यक्षता में शहर के बड़े बड़े आलिम, मुफ़्ती, विद्वानों की मीटिंग हुई । जिसमें यति नरसिंहानंद द्वारा उत्तर प्रदेश के जनपद ग़ाज़ियाबाद में दिये गए बयान (पैग़म्बर मुहम्मद साहब के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग) की निंदा की गयी।


मुफ़्ती अलाउद्दीन अजमली ने कहा कि पैग़म्बर मुहम्मद साहब की शान में गुस्ताख़ी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। क़ारी तनज़ीम अशरफ़ अजमली ने कहा कि पैग़म्बर मुहम्मद साहब के मानने वाले पूरी दुनिया में मौजूद हैं, यह सिर्फ़ भारत की बात नहीं बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की बात है। मुफ़्ती आलम नूरी ने कहा कि बार बार भारत में हमारे पैग़म्बर मुहम्मद साहब की शान में गुस्ताख़ी की जाती है और ऐसे बयान देकर भारत की एकता व

अखंडता को तोड़ने की कोशिश की जाती है। क़ारी वसी अशरफ़ ने कहा कि ऐसे बयान देकर हिन्दू मुसलमानों को आपस में लड़ाने की कोशिश की जाती है, ऐसे बयान जान बूझकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए दिए और दिलाए जाते हैं, ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आगे ऐसे बयान देकर भारत की एकता और मुसलमानों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। तक़ी अशरफ़ एडवोकेट ने कहा कि इस तरह के बयानों से भारत की छवि को ख़राब किया जा रहा है, भारत भाईचारे वाला देश है, भारत में सभी लोग एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते हैं, इस तरह के बयान बार बार दिये जा रहे हैं और यति नरसिंहानंद भी कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं लेकिन एक बार भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।


इसके बाद शहर के सभी उलमा और विद्वानों का एक जत्था मेमोरंडम लेकर उपज़िलाधिकारी महोदय से मिला जिसमें राष्ट्रपति महोदया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय के नाम से ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में उक्त दोषी के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की माँग की गयी। इस मौके पर मुफ़्ती अशफ़ाक़ नईमी, मुफ़्ती नूर आलम, मुफ़्ती अहमद रज़ा, मौलाना मेहबूब वास्ती, मौलाना याक़ूब, मुफ़्ती आफताब रज़ा, मौलाना हसीब अख़्तर, मौलाना इमरान मनज़री, मौलाना शमशाद मिस्बाही,मौलाना उमर नईमी, मौलाना मुहम्मद हुसैन, मौलाना माहे आलम, मौलाना

ग़ुलाम मुस्तफ़ा, क़ारी शुऐब अशरफ़ी, क़ारी शौकत, क़ारी शाहिद, क़ारी सरताज, क़ारी सलमान, क़ारी ज़ाहिद, क़ारी साजिद, हाफ़िज़ अब्दुल मन्नान, हाफ़िज़ अब्दुल शकूर, सय्यद अब्दुल क़दीर, सरफ़राज़ याक़ूब, क़ानूनी सलाहकार फ़रीद अहमद एडवोकेट, मुहम्मद अहमद नौशाही, मास्टर इस्माईल आदि मौजूद रहे।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट