संभल। यूपी के जनपद सम्भल हयात नगर थाना क्षेत्र के उप नगरी सरायतरीन मैं इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो तआला अलेही वसल्लम के जन्म दिवस के अवसर पर जुलूस ए मोहम्मदी पूरी शान और शौकत के साथ निकाला गया।जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर नवाब खेल ,राव वालान

,धोबियान, चकली , पन्नीगरान , मंगल पुरा, आदि क्षेत्रों में विभिन्न जलसों का आयोजन किया गया सजावट की गयी। इस्लामी झंडे लगाए गये। इस अवसर पर एक बड़ा जुलुस परंपरागत रूप से मदरसा ज़िया उल उलूम मोती मस्जिद, बारह दरी सराय तरीन से शुरू हुआ, जो बजरिया चौक, चाहनायक, मंगल पुरा,, नवाब खेल, बाजार गंज होते हुए पुलिस चौकी पहुंचा जहां हर साल की तरह इस साल भी जलसा आयोजित किया गया, जिसमें अहल-ए-सुन्नत के औलमा ए किराम ने अनुकरणीय भाषण दिया। और पूरी दुनिया को बताया

कि हमारे पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अपनी पूरी जिंदगी मानवता की रक्षा की ,और एकता का संदेश दिया। उन्होंने आगे कहा कि मुहम्मद अल्लाह के सच्चे रसूल हैं और उनकी महानता अल्लाह के बाद सर्वश्रेष्ठ है। इसीलिए आप मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए हैं, आपकी मुहब्बत ईमान का हिस्सा है, अगर किसी को आपसे दुश्मनी हो तो वह खुद को मोमिन न समझे। अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बेटियों को जिंदा दफनाना बंद कराया ,उन्हें सम्मान दिया, समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया और उन्हें हमेशा प्यार करना सिखाया।


इस अवसर पर जामिया इस्लामिया अहले सुन्नत नजरुल उलूम ,मदरसा कादरिया नौशाहिया , मदरसा तालीमुल कुरान मनिहारान, मदरसा फैज उल उलूम , इलाइट जूनियर हाई स्कूल ,अंजुमन शाह ए बरकात, अंजुमन कारवाने मुस्तफा, अंजुमन गुलामाने रसूल , अंजुमन गुलामाने मुस्तफा पैंठ इतवार, अंजुमन ख्वाजा गरीब नवाज, अंजुमन कारवांने गौस ए आजम ,आदि मदरसों एवं अंजुमनों का सक्रिय सहयोग रहा ।
जुलूस में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे । जुलूस मोती मस्जिद पर समाप्त हुआ, जहां पैगंबर ए इस्लाम की बारगाह में सलातो सलाम पेश किया गया और देश की सुरक्षा अमनों अमान और शान्ति के लिए दुआ की गई।


इस मौके पर मुफ्ती गुलफाम रजा बरकाती, मौलाना इम्तियाज निज़ामी, हाफ़िज़ जाहिद अली सैफी, मास्टर मुजीब खान, मास्टर मशकूर नददाफी, मास्टर नासिर खान,मास्टर नूर हसन सैफी,मौलाना शराफत अजमली, मौलाना अब्बास अजमली, मौलाना आदिल मिस्बाही , मौलाना जैगम बरकाती,कारी शाकिर ,मौलाना महबूब नूरी ,मसरूर सलामी,मौलाना आलम रजा खां, मुफ्ती आरिफ, हाफिज मुहम्मद इस्तियाक बरकाती, हाफिज अफजाल बरकाती, हाफिज रिजवान बरकाती, हाफिज माहे आलम, हाफिज इब्राहिम, हाजी इसरार बरकाती, मौलाना अफरोज बरकाती, हाफ़िज़ माहे आलम, हाफ़िज़ इब्राहिम बरकाती, हाफ़िज़ रिज़वान बरकाती, हाफ़िज़

अहमद बरकाती, हाफ़िज़ मुहम्मद शहजाद नौशाही, हाफ़िज़ जमाल बरकाती, रिज़वान आलम, शेख जुनैद इब्राहिम , हाजी खुरशीद आलम ,हाफ़िज़ मुहम्मद फाजिल बरकाती, मास्टर फैजान रिज़वी ,तालिब सैफी, हाजी इफ्तेखार मैंबर, कारी मरगूब बरकाती, अदनान सिद्दीकी,अफफान खान, शमसुद्दीन, नजमी बरकाती, शारिक जीलानी, जिया बरकाती, ताहिर सलामी, शाह नवाज बरकाती, अफजल कादिरी, आजिम सैफी, अमीर हमजा बरकाती, नफीस बरकाती, आजिम सैफी, हाजी

अहमद सैफी,, नूर आलम चिश्ती , निज़ामुद्दीन निज़ाम नौशाही, ज़िया कादिरी, नसीमुद्दीन नौशाही, फरीद खान, हाफ़िज़ मुहम्मद अहमद , मास्टर रिज़वान आलम, इरफान आलम , जिया उद्दीन कुरैशी एड, शारिक सैफी, उमर अययूबी, शाने आलम सर ,ज़ैद याकूब, हाजी नईम खान, आदि गणमान्य लोग शामिल रहे हैं।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट