हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की
कादरचौक। राधाकांत मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर एक भव्य समारोह आयोजित किया गया था। मंदिर के महंत श्री श्री 108 बाबा ऋषि दास ने बताया
कि कृष्ण भगवान का जन्म 26 अगस्त को रात 12:00 बजे हुआ था और 27 अगस्त को उनकी पालकी को मंदिर से निकालकर पूरे कस्बे में घुमाया गया था।
पालकी यात्रा मंगलवार की शाम 4:00 बजे शुरू हुई और पूरे कस्बे में घूमने के बाद राधाकांत मंदिर पर वापस आई। यह समारोह स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसमें वे भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं और उनके जन्म का जश्न मनाते हैं।
पालकी यात्रा के दौरान, लोग भगवान श्रीकृष्ण के भजन गाते हैं और उनकी पूजा करते हैं, जो इस समारोह को और भी भव्य और भक्तिपूर्ण बनाता है। यह समारोह भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का जश्न मनाने के लिए मनाया
जाता है और स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है इस अवसर पर स्थानीय लोगो द्वारा पांच दिन के लिए जन्मआष्ट्मी का प्रोग्राम भी राधाकांत मंदिर पर होगा ।
रिपोर्टर शिव पताप सिंह