बदायूं। डॉक्टर मरीजों के उपयोग में लाने के बाद निडिल(सुई) को खुले में फेक देते हैं जिसकी वजह से बेजुबानों की जान चली जा रही है अगर ऐसी लापरवाही बरती गई तो उनके खिलाफ अभियान चलाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उपयोग में लाने वाली निडिल को कूड़े दान में नहीं फेके जिससे बेजुबानो की जान,को खतरा बने।यह खतरा कूड़ा बीनने वालों को भी हो सकता है।
शहर के मोहल्ला कबूलपुरा में परेशान सांड घूम रहा था, करीब रात के 11.30 बजे स्थानीय पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा को नईम ने इसकी सूचना दी, उसके बाद पशु प्रेमी टीम वहां पहुंची। जुबैर खान, दीपेश दिवाकर, यश दिवाकर, भानु दिवाकर और वीरेश यादव ने मिल के सांड के मूंह से निडिल निकली तब जाकर उसे राहत मिली।