इधर भी देखो डीएम साहिबा : गौ आश्रय स्थलों में गौवंश दुर्दशा के शिकार, खाना-पानी-दवा को मोहताज, रकम अफसर कर गए चट:पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा
बदायूं।निराश्रित गोवंशों के लिए आश्रय देने के लिए प्रदेश सरकार तो गंभीर है। कई योजनाएं भी बनीं, लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगे अधिकारी और कर्मचारी, ग्राम प्रधान बेपरवाह हैं। गो संरक्षण केंद्र में अव्यवस्थाओं के चलते गोवंश दुर्दशा के शिकार हैं। शुक्रवार को पशु प्रेमी विकेन्द्र शर्मा की टीम की पड़ताल में जानी खुर्द स्थित अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल की बदतर तस्वीर सामने आई। सब जगह का यहीं हाल हैं।
थाना सिविल लाइन क्षेत्र के ग्राम खेड़ा बुजुर्ग में काशीराम आवासीय कॉलोनी में तीन दिन पहले सांड ज़ख्मी हो गया था। जिसकी सूचना काशीराम कॉलोनी के रहने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति ने दी तीन दिन पहले किसी व्यक्ति ने सांड को जख्मी कर दिया था। सांड़ के इलाज के लिए स्थानीय मोहन लाल नाम के बुजुर्ग व्यक्ति ने ग्राम प्रधान खेड़ा बुजुर्ग को सूचना दी, तो ग्राम प्रधान ने पशु चिकित्सक बुलाकर उपचार नही कराया, बल्कि पशु चिकित्सक ने इलाज नही किया और स्थानीय व्यक्ति मोहन लाल को दवाई का पर्चा बना थमा दिया और कहा कि यह दवाई मंगाकर खिलाते रहना। जिसमें ग्राम प्रधान और डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
मोहन लाल मेहनत मजदूरी करने वाला व्यक्ति अपना गुजारा बमुश्किल कर पाता है। वह व्यक्ति सांड की दवाई कैसे कर सकता है जो खुद लाचार हैं छुट्टा गोवंशों के इलाज की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की है ।सरकार का शासन आदेश है अगर कोई प्रधान छुट्टा गोवंशों का इलाज नहीं करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाए, सवाल ये है कि अगर कोई गरीब व्यक्ति मानवता के तौर पर किसी चोटिल पशु के इलाज के लिए पशु पालन विभाग को सूचना देगा तो क्या दवाइयों का खर्चा उसे ही उठाना पड़ेगा। पशु पालन विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है पशुपालन विभाग और ग्राम प्रधानअपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। आखिर शासन के आदेशों के बाद भी यह गौवंश सड़क पर क्यों मर रहे हैं, इन्हें गौशाला मे क्यों नहीं भेजा जा रहा हैं।