बदायूं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर ने कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की आजादी पर शिकंजा कसा गया।कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स हेतु एक अटेंडेंस एप पहले से ही संचालित है 14 अगस्त को उसी एप को दूसरे एप के साथ मर्ज करके सीएचओ से काम लिया जा रहा हैं।जिसमें छुट्टी ऑनलाइन ही दर्ज होगी।
सीएचओ को महीने में 10 -15 दिन तो सीएचसी पीएचसी, कभी काँवड, कभी मेला कभी बाढ़ ड्यूटी के नाम पर इधर उधर दौड़ाया जाता है, मानव संपदा पोर्टल पर ना तो प्रतिकार छुट्टी मिलती है, जबकि सीएचओ द्वारा पहले से ही घूंसखोरी के सबूत आये दिन दिये जा रहे हैं। फिर भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीएचओ का शोषण कराने के लिए पीबीआई के बाद अब एएमएस अटेंडेंस एप थोप दिया गया है। क्योंकि 15000 पीबीआई से कमीशन उपर तक नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से एएमएस के जरिये सिर्फ सीएचओ को ही दंडित किया जा रहा है।


जबकि स्वास्थ्य विभाग में पहले से कार्यरत कर्मचारियों के उनके ड्यूटी पर समय से उपस्थित न होने संबंधी प्रकरण प्रायः सामने आते रहते हैं तथा इस हेतु विभिन्न माध्यम से उपस्थिति की जांच किये जाने के बावजूद भी ये घटनाएं प्रकाशित होती रहती हैं लेकिन अन्य संवर्गों/ पदों पर सरकार मेहरबान है। बह सभी पद कई सालों से कार्यरत हैं लेकिन पिछले 2सालों से सिर्फ सीएचओ पर एएमएस लागू है।
अतः ऐसे भेदभाव पूर्ण शैली के विरोध में समस्त सीएचओ कैडर एएमएस एप का बहिष्कार तब तक करता रहेगा जब तक स्वास्थ्य विभाग के समस्त कार्मिकों पर एएमएस लागू करने पर ही एएमएस एप से उपस्थिति लगाई जायेगी। सीएचओ प्रदेश अध्यक्ष हिमालय कुमार, प्रदेश सलाहकार राधे ठाकुर, जिलाध्यक्ष नवेद राजी, शिवम सक्सेना,भूपेंद्र, सनी वर्मा, आकाश, एवं जिले के सभी मौजूद रहे।