बदायूँ । शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों मे आधार कार्ड अपडेट के नाम पर हो रही अवैध धन उगाही। यूपी सरकार की तरफ से राशन कार्ड के प्रति यूनिट की केवाईसी की जा रही है।जिसको लेकर ज़िला मे आधार कार्ड अपडेट की होड़ मची है।आधार कार्ड का कार्य सरकार की तरफ़ से पोस्ट ऑफिस, बैंको, आधार सेंटर पर ही किया जाना बताया गया है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अगर देखा जाए तो ऐसा नहीं है। बदायूं जनपद में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों मे यह काम जन सेवा केंद्र, इंटरनेट कैफो पर ऑपरेटर को बुलाकर जमकर मनमर्ज़ी पैसे लिए जा रहे है।कराना है, तो कराओ वरना मत कराओ, अब इस की कमाई कैसे करी जाती है।यह भी जान ले कैफे वाले जनसेवा केंद्र वालो ने ऑपरेटरो से सांठगांठ कर ली है। जब जनसेवा केंद्रों पर दस से बारह ग्राहक हो जाते हैं तो संचालक ऑपरेटर को कॉल करके बुल लेते हैं और ऑपरेटर लोकेशन ऑफ कर आधार किट लेकर आ जाते है। अधिकतर इनका हफ्ते मे दो दिन का टाइम सेट है। जनसेवा केंद्रों,व इंटरनेट कैफो पर ग्राहको का फोन नंबर लेकर उनसे सौ रुपये जमा करा लिए जाते है। जब ऑपरेटर किट लेकर आ जाते है,तो ग्रहको फोन करके बुला लिया जाता है।बदले मे चार सौ से लेकर छ सौ रुपये वसूले जाते है। जिसमे ऑपरेटर के एक व्यक्ति के दो सौ रुपये तय किए जाते है,बाकी आपस मे बांट लिए जाते है। बैंकों व पोस्ट ऑफिस मे बैठे ऑपरेटर पांच या कभी वो भी नही बनाते है, कभी कनेक्टिविटी का बहाना बना कर उन्ही के द्वारा लगाए व्यक्तियो द्वारा बताया जाता है, के आप को अगर ज़्यादा ज़रूरत है, तो आप वहां के कैफे या जनसेवा केंद्र पर चले जाओ वहाँ जल्दी बन जायेगा या अपडेट हो जाएगा। मोबाइल नंबर लिंक हो जाएगा, भला मरता तो क्या नही करता, परेशान हो कर लोग उनकी बताई गई जगह पर चले जाते हैं। जहाँ उनसे मनमर्ज़ी रकम एठ ली जाटी है, जो लोगो को देनी पड़ती है।जिसकी कई बार लोगो ने उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन नतीजा कुछ नही है, इससे ज़ाहीर होता है, के कही न कही उन लोगों का भी इस बन्दर बांट में हिस्सेदारी है, तभी इन लोगो पर कोई कार्यवाही नहीं होती है।