जीआईएस सर्वे के नाम पर जनता पर मनमाने टैक्स थोपने के लिए भाजपा जिम्मेदार : गौरव सक्सेना

नगर निगम के पदेन सदस्य भाजपा सांसद, विधायकों की जनता पर टैक्स बढ़ोतरी के मुद्दे पर चुप्पी भाजपा की मिलीभगत का सीधा प्रमाण

बरेली । सपा पार्षद दल ने पार्षद दल के नेता गौरव सक्सेना के नेतृत्व में नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स को ज्ञापन सौपकर जीआईएस सर्वे पूरी तरह से निरस्त कर पुराने टैक्स को बहाल करने की मांग की।
गौरव सक्सेना ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम में भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार होते हुए जनता पर नगर निगम द्वारा मनमाने तरीके से प्राइवेट कम्पनी के सर्वे के आधार पर दोगुने से चौगुने टैक्स थोपने का काम किया गया है इसके लिए पूरी तरह से भाजपा जिम्मेदार है भाजपा के सांसद और दो विधायक जिनमे से एक प्रदेश सरकार में मंत्री भी है यह सभी नगर निगम के पदेन सदस्य होने के बावजूद जनता के टैक्स बढ़ोतरी के गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे है जोकि टैक्स बढ़ोतरी में भाजपा की मिलीभगत का सीधा प्रमाण साबित होता है जीआईएस सर्वे का कार्य प्राइवेट कम्पनी द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में ही लगभग 8 माह पूर्व ही पूरा कर लिया गया था जिसके कारण ही सर्वे में टैक्स बढ़ने पर पिछले वित्तीय वर्ष के टैक्स पर बकाया दर्शाकर उसपर भी ब्याज वसूला जा रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा नेताओ के इशारे पर सॉफ्टवेयर अपडेट के नाम पर टैक्स के नोटिस अथवा बिल लोकसभा चुनाव से पहले जनता में नही बांटे गए और जैसे ही लोकसभा का चुनाव संपन्न हो गया जनता पर जीआईएस सर्वे के नाम पर दोगुने से चौगुने बिल भेजकर जनता को धोखा देने का काम किया गया अगर यही चुनाव से पहले सॉफ्टवेयर अपडेट करके अपने मनमाने सर्वे के आधार पर बढ़ाए गए टैक्स के यही बिल जारी कर देते तो जनता भाजपा प्रत्याशी का लोकतंत्र के पर्व लोकसभा चुनाव में विरोध में बटन दबाकर उनकी जमानत भी जब्त करा देती लेकिन चुनाव बाद मनमाने तरीके से टैक्स बढ़ोतरी कर जनता को ठगने का कार्य भाजपा द्वारा किया गया है उन्होंने कहा सपा पार्षदों द्वारा बोर्ड की बैठकों से लेकर समय समय पर अलग से भी नगर आयुक्त से मिलकर पूर्व में जीआईएस सर्वे करने वाली प्राइवेट कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा रिश्वत लेकर गलत सर्वे कर टैक्स घटाने और रिश्वत न देने वाले भवन स्वामियों के टैक्स बढ़ाने की शिकायत की गई थी लेकिन उस समय इन शिकायतों पर भी कोई संज्ञान न लेकर कम्पनी की मनमानी को बढ़ावा दिया गया,

इसके अतरिक्त नगर निगम द्वारा नए भवनों पर लगाए गए टैक्स मे वार्षिक मूल्यांकन में पहले की तरह से दी जाने वाली छूट को भी समाप्त कर जनता का शोषण किया जा रहा है इसलिए जीआईएस सर्वे को पूरी तरह से निरस्त कर पुरानी टैक्स व्यवस्था को छूट के साथ बहाल करने की सपा पार्षद दल ने माँग की इसके अतरिक्त गली मोहल्लों में छोटे छोटे भवनों में खुली छोटी छोटी दुकानों से भी जीआईएस सर्वे में लगाया गया व्यावसायिक टैक्स हटाकर घरेलू टैक्स व्यावहारिकता के आधार पर लगाए जाने की मांग की क्योंकि इन घरों पर खुली छोटी छोटी दुकानों से आमदनी नाम मात्र की है यह केवल कुछ घरों के जीवन यापन का एक छोटा सा सहारा होती है ।
सपा पार्षद दल ने जीआईएस सर्वे निरस्त कर जनता पर टैक्स बढ़ोतरी वापस न लेने पर धरना प्रदर्शन और आन्दोलन की चेतावनी दी।
ज्ञापन सौपने वाले सपा पार्षदों में अब्दुल कय्यूम मुन्ना, शमीम अहमद, गुल बशर, उमान खान निर्दलीय पार्षद मो नासिर कांग्रेस पार्षद मेहसर खान आदि शामिल रहे।