सम्भल । भले ही राजनीति में कदम रखने के बाद राजनीतिक लोग किसी भी पद पर मुकाम पाकर पैसे कमाने में लग जाते है और किये वादे भूल जाते है। लेकिन पंवासा ब्लाक के ग्राम सेफ खा सराय में एक नया ही मामला देखने को मिला है। जहां प्रधान पुत्र ने खुद चुनाव हारने के बाद अगला चुनाव अपने पिता हाजी खलील को दिन रात जी जान से मेहनत कर लड़ाया जिसका नतीजा मिला कि पिता को जीत हासिल हुई। लेकिन मामला यही नही थमा बल्कि प्रधान पुत्र नदीम ने अपना कीमती समय गाव की सफाई और विकास के लिए दे दिया। जिसका नतीजा है कि आज गाँव की सफाई और प्रधान पुत्र के भाईचारे की जगह जगह प्रशांसा होती देखी जा रही है। प्रधान परिवार न तो अपने सामने खड़े हुए प्रधान पद के प्रत्याशियों से किसी तरह की कोई बेर रखता है नही किसी तरह की कोई दिल बुराई वाली राजनीति करता है। जो भी मिलता है उससे सच्चे दिल से मिलता है और लोगो के बीच हुई मनमुटाव भी दूर कराने के प्रयास करता है। जिस का नतीजा है की पिछले चुनाव में उसे वोट न देने और उसके हार जाने का
ग्रामीणों को आज भी पछतावा होता है। क्योंकि चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले प्रधान परिवार ने गांव को एक ट्रेक्टर ट्राली दिया जो कि रोज सुबह लोगो के घर पहुँच कूड़ा इकट्टा करता है जिसको गाव से दूर फेका जाता है। और घर की बेटी बहु अब कूड़ा फेकने अन्य ग्रामीणों क्षेत्रो की महिलाओं की तरह जंगल नही जाती हैं। इस ट्रैक्टर ट्रॉली का खर्च प्रधान व उसका पुत्र खुद अपनी जेब खर्च से देते है जो कि हर माह लगभग बीस हज़ार रुपए बैठता है। इसी के साथ गाव की सड़कों और सफाई पर भी विशेष ध्यान रखा जाता है। जिसका नतीजा है कि अब तक गाँव मे रजत चौक से मदरसे तक कि सड़क, मुखिया खलील के घर से स्व डॉ साबिर के मकान तक कि सड़क कार्य निर्माण कराया जा चुका है इसके अलावा अब नई मस्जिद से तलाब तक कि सड़क का कार्य चल रहा है। यह सब कार्य उन ग्राम प्रधानों के लिए भी एक सिख है जो कहते है कि प्रधान निधि का पैसा नही आ रहा और गाँव मे गन्दगी परसी पड़ी है गांव की महिलाएं सुबह कूड़े को फेकने जंगल की तरफ जाती है।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट