सम्भल। जिला सूचना अधिकारी कार्यालय में तैनात संविदा कर्मचारी जितेंद्र कुमार के भ्रष्टाचार की परतें दर परतें खुलती चली जा रही है, कार्यालय में रजिस्टर्ड कुछ पत्रकारों के चुनाव के एंट्री पास न बनने को लेकर उसपर पहले से ही आरोप लग रहे थे, परंतु अब कई ऐसे पत्रकार सामने आए हैं, जिन्होंने दावा किया है कि उन्होंने जितेंद्र कुमार को अथॉरिटी लेटर जमा करने और पास बनवाने के नाम पर अवैध शुल्क दिया था, कलम हिंदुस्तानी के जिला संवाददाता सुआलेहीन अशरफी उनमें से एक है, जिन्होंने जितेंद्र कुमार पर आरोप लगाया था कि जब वह कलम हिंदुस्तानी अखबार का अथॉरिटी लेटर कार्यालय में जमा करने गए थे ।उसी समय कार्यालय में मौजूद जितेंद्र कुमार ने 500 रुपया अवैध शुल्क की मांग की थी। तभी लेटर जमा करने को कहा था, उन्होंने अथॉरिटी लेटर जमा करने के नाम पर उससे अवैध शुल्क के रूप में 500 रुपए वसूले थे। जैसे ही यह खबर चैनल और अखबार में प्रकाशित हुई। जितेंद्र कुमार सच्चाई को दबाने के काम में लग गया और खबर प्रकाशित करने वाले के खिलाफ साजिश रचना लगा, पत्रकार सुआलेहीन अशरफी का आरोप है जितेंद्र कुमार लंबे समय से कार्यालय में डटा है और मनमानी करते हुए पत्रकारों से अवैध शुल्क की मांग करता रहता है।इससे पहले भी उसके ऊपर एंट्री पास बनाने के नाम पर अवैध शुल्क वसूलने के आरोप लगते रहे हैं।पत्रकार ने आगे कहा जितेंद्र कुमार जिला सूचना अधिकारी कार्यालय (DIO) के ग्रुप का एडमिन भी बना हुआ है। दर्जनों पत्रकार ऐसे हैं जो संभल जिले में काम नहीं कर रहे हैं बल्कि अन्य जिलो में रहकर काम करते हैं उनसे अवैध शुल्क लेकर इस ग्रुप में जोड़ रखा है, जबकि संभल जनपद के कई पत्रकार ऐसे हैं जिनका अथॉरिटी लेटर कार्यालय में जमा नहीं है फिर भी उन्हें इस ग्रुप में जोड़ रखा हैं, जिला सूचना अधिकारी को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए, अगर उन्होंने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो जितेंद्र कुमार जिला सूचना अधिकारी के लिए कभी भी जी का जंजाल बन सकता है, जिलाधिकारी को भी इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए,सुआलेहीन अशरफी ने आरोप लगाया कि जितेंद्र कुमार पर इस तरह के भी आरोप है कि वह प्रशासन की अति गोपनीय सूचनाओं को अपने करीबी पत्रकारों को चाटुकारिता के लिए उपलब्ध करा देते हैं, उन्होंने आगे कहा इस तरह का कर्मचारी कार्यालय में बने रहने योग्य नहीं है।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट