उप प्रधान, वरिष्ठ/कनिष्ठ उप ब्लाक प्रमुख औऱ जिला पंचायत उपाध्यक्ष की व्यवस्था हो बहाल।

ग्राम पंचायत सदस्यों को प्रधान के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का मिले अधिकार।

उत्तर प्रदेश में अभी सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव में लगभग दो लाख ग्राम पंचायत सदस्य के पद रिक्त रह गए हैं। इन रिक्त पदों के लिए उप चुनाव कराया जाएगा। नागरिकों ने इन पदों के लिए चुनाव लड़ने हेतु कोई रूचि नहीं दिखाई। क्योंकि ग्राम पंचायत सदस्य के पद को महत्वहीन बना दिया गया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 11 से 15 तक ग्राम पंचायत सदस्य होते हैं, इनकी स्थिति वही है जो नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद में सभासद की होती है, नगर निगम में पार्षद की होती है, क्षेत्र पंचायत/जिला पंचायत में सदस्य की होती है, विधानसभा में विधायक और संसद में सांसद की होती है। कहने को ग्राम पंचायत सदस्यों में से सात प्रकार की समितियां गठित की जाती है। हर ग्राम पंचायत सदस्य एक से अधिक समितियों का सदस्य होता है। इन समितियों औऱ ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली मात्र कागजों तक ही सीमित रहती है। ग्रान पंचायत सदस्यों तक को पता नहीं होता है कि वे किस किस समिति के सदस्य हैं तथा समिति का उद्देश्य क्या है। यहाँ तक कि उनकी बैठकों में भी कोई भूमिका नहीं रहती है। कब बैठकें आयोजित हो गई, इसकी भी उन्हें सूचना नहीं मिलती है। कुछ समय के पश्चात निर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्य यह भी भूल जाते हैं कि वे ग्राम पंचायत सदस्य हैं , यही नहीं निर्वाचक भी भूल जाते हैं कि उन्होंने किसे ग्राम पंचायत सदस्य चुना था।

यही स्थिति क्षेत्र पंचायतों में क्षेत्र पंचायत सदस्यों(बी डी सी) एवं जिला पंचायतों में जिला पंचायत सदस्यों की है।

ग्राम पंचायत सदस्य/क्षेत्र पंचायत सदस्यों/जिला पंचायत सदस्यों की पंचायत राज व्यवस्था में भूमिका निर्धारित करने हेतु एवं सक्रिय बनाये जाने हेतु कुछ व्यवहारिक निर्णय लेने की आवश्यकता है :


ग्राम पंचायतों में उप प्रधान का पद पुनः स्थापित किया जावे।

प्रधान के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का अधिकार ग्राम पंचायत सदस्यों को पुनः मिले।

क्षेत्र पंचायतों में उप ब्लाक प्रमुख एवं जिला पंचायतों में जिला पंचायत उपाध्यक्ष के पद पुनः स्थापित किया जावे।

ग्राम पंचायत सदस्यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों व जिला पंचायत सदस्यों के व्यवहारिक प्रशिक्षण की व्यवस्था हो, जिसमें उन्हें उनके अधिकारों और कर्तव्यों से परिचित कराने के साथ ही पंचायत राज व्यवस्था से परिचित कराया जावे।