खुशखेड़ा थाना अंतर्गत महेशरा गांव में आज खेतों में पानी देने गए एक किसान को एक बाघ ने अपना शिकार बनाना चाहा, लेकिन खेतों में काम कर रहे लोगों के वहां आ जाने से बघेरा खेतों में ही ओझल हो गया है। घायल किसान को रेवाड़ी के प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया
गया है, जहां उसका इलाज जारी है। अलवर सरिस्का से पहुंचे टीम ने क्षेत्र का मौका मुआयना किया और बाघ को काबू में करने के लिए प्लान बनाया है। मौके पर फॉरेस्ट टीम के रेंजर्स और कर्मचारी बाघ को पकड़ने के प्रयास
कर रहे हैं, अभी तक इस बात की सूचना नहीं है कि बाघ यहां पर किस प्रकार से पहुंचा है ? अभी कुछ दिनों पहले भी एक शेर के किशनगढ़ बास जीएसएस की बाउंड्री वॉल पर घूमते हुए देखा गया था, वही कल रात को भी किशनगढ़ बास के तहनोली गांव में एक बाघ को खेतों में
विचरण करते देखा गया था। इससे पहले खैरथल में रेलवे ट्रैक पर भी एक बाघ को कुछ दिन और पहले देखा गया था। सोचने का विषय यह है कि सरिस्का जंगल नजदीक होने की वजह से किस प्रकार से यह जंगली पशु रिहायशी बस्तियों में और खेतों में पहुंच जाते हैं।
रिपोर्टर मुकेश