बरेली विकास प्राधिकरण ने वास्तव में बरेली के विकास में चार चांद लगा दिये, बरेली विकास प्राधिकरण डेवलपमेंट ना करता तो कैसे हो पाती बरेली स्मार्ट..
आपको बता दें बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप जब से आईएएस अधिकारी जोगिंदर सिंह ने चार्ज संभाला है तब से बरेली में डेवलपमेंट लगातार हो रहा है रामगंगानगर योजना हो चाहे बरेली- शाहजहांपुर रोड, बरेली-बदायूं रोड,दिल्ली- बरेली रोड बरेली-बीसलपुर रोड को 10 किलोमीटर तक फोरलेन से जोड़ने का काम किया,बही इन्वार्टिस विश्वविद्यालय से सेटेलाइट तक जहां आधा घंटा लगता था वही दूरी अब 10 मिनट में तय हो जाती है,
इसी के साथ रामगंगा रोड बदायूं रोड से चौपला तक आने के लिए जहां 40 से 50 मिनट लगते थे वह दूरी अब 15 मिनट में पूरी हो जाती है, झुमका चौराहे से शहर तक आने में एक घंटा लगता था वही वह दूरी अब 20 मिनट में तय हो जाती है, बीसलपुर रोड जहां सिंगल रोड था उसको फोर लाइन से जोड़ने का काम किया जो बड़े बाईपास से शहर की दूरी मात्र 10 मिनट की रह गई, बदायूं रोड शाहजहांपुर रोड पीलीभीत रोड की स्थिति ए थी कि जर्जर रोड से जब हम निकलते थे तो गाड़ियां हिचकोले खाती थी आज वही रोड फोर लेन बनकर तैयार हो गए है,केके हॉस्पिटल का रोड हो ऐसे तमाम जगह जहां बरेली विकास प्राधिकरण ने रोडो को चौड़ा करके जनता को राहत देने का काम किया है,
इसी तरीके से बरेली को जोड़ने वाले चारों रोड पर चार मुख्य द्वार भी बनाए गए हैं जो नाथ नगरी बरेली में आने वाले पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करते हैं, दूसरा बरेली विकास प्राधिकरण जल्द ही ग्रेटर बरेली की सौगात बरेली बासियो को देने वाला है,इसके साथ-साथ नाथ कॉरिडोर पर भी BDA लगातार काम कर रहा है इसके साथ-साथ बदायूं रोड पर 700 सौ एकड़ में बहुत बड़ी टाउनशिप भी बरेली विकास प्राधिकरण विकसित कर रहा है
बीडीए की नाथ धाम इंटीग्रेटेड टाउनशिप शहर में विकास संग बड़ी संख्या में रोजगार सृजन करने जा रहा है।
इसके लिए योजना के अंदर व्यावसायिक भूखंडों के साथ लाजिस्टिक हब, मेडिकल सिटी, बड़ा स्टेडियम, जरी-जरदोजी सेंटर समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसमें 20 किमी. दूर से गुजर रहा गंगा एक्सप्रेस-वे महती भूमिका अदा करेगा। इसको लेकर अधिकारी उत्साहित हैं और डीपीआर में इसका खाका तैयार करने में जुटे हैं।
इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित कर रहा
बीडीए बदायूं रोड पर 750 एकड़ क्षेत्रफल में इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित कर रहा है। इसके लिए जनवरी के पहले सप्ताह से डिमांड सर्वे का काम शुरू किया है। दो सप्ताह में योजना में भूंखड के लिए 650 से अधिक आवेदन आने और बड़ी संख्या में रूझान देख अधिकारी उत्साहित हैं और डिमांड सर्वे पूरा होने से पहले ही डीपीआर बनाने की पहल शुरू कर दी है।
नाथ कॉरिडोर परियोजना के तहत सात प्रमुख शिव मंदिरों को आपस में जोड़ते हुए परिक्रमा मार्ग बनाया जाना प्रस्तावित है। परियोजना के अंतर्गत मंदिरों पर विभिन्न प्रकार के विकास कार्य किए जाने हैं। मंदिर परिसर में अनियोजित तरीके से स्थापित छोटे-छोटे मंदिरों व अन्य निर्माणों को पुनस्थापित कर मुख्य मंदिर को प्रमुखता दी जाएगी।