कांग्रेस के 139 वे स्थापना दिवस पर शहर कांग्रेस की जानिब पे काव्य गोष्ठी का आयोजन मोहल्ला सोथा स्थित शहर कार्यालय पर किया गया। जिस की अध्यक्षता ग़ुबार सहसवानी वा संचालन अहमद अमजदी बदायूॅनी ने किया मुशायरे के मुख्य अतिथि शहर अध्यक्ष चौधरी बफाती मियाँ रहे मुशायरे का आग़ाज़ नाते पाक से निहाल उददीन क़ादरी ने किया सर प्रथम ग़ुबार सहसवानी साहब ने कहा।
फेकना मत किसी मजबूर के घर पर पत्थर
आग लग जाती है पत्थर को रिगडकर पत्थर
अहमद अमजदी बदायूॅनी ने कहा
मौजे तूफ़ां से जो डर जाते हैं लोग
वो किनारे पर ही मर जाते हैं लोग
आप जाएं शौक़ से जाएं उधर
हम नहीं जाते जिधर जाते हैं लोग
शम्स मुजाहिदी ने कहा
अमन कायम रहे हिंदोस्तां में,
परिंदा उड़ न जाए शांति का।
बिल्सी से तशरीफ़ लाए क़ासिम ख़ैरवी ने कहा
तेरे आ जाने का एहसास जगाते गुज़रीं
जब हवा गेट के पर्दे को हिलाते ग़ुज़ारी
राजवीर सिंह तरंग ने कहा
जो थे अजीज वो ही दुश्मन से जा मिले हैं,
ये कैसी जिंदगी की रफ्तार चल रही है।
बिल्सी से तशरीफ़ लाए ओजस्वी जौहरी ने कहा
कितने रंग बदल डाले हैं हमने अब संसार के, और मसीहा बन बैठे हैं खुद रब के दरबार के।
चमन गुलिस्तां था ये भारत कहाँ बहारें आतीं हैं
कितने बाग लगा बैठे हम घर में अपने खार के।
इनके अलावा ताहिर उददीन ताहिर, हाजी नुसरत, निहाल क़ादरी बन्ने खान बन्ने, ने भी अपने-अपने कलाम से नवाज़ा मुशायरे में डा०राम रतन पटेल,सलीम अंसारी, ओमप्रकाश प्रजापति शर्मा, ज़ाहिद भाई, अनिल उपाध्याय, वसीम भाई, इकरार, इरफ़ान अंसारी, रामसेवक, अमन खान, सैय्यद जाबिर ज़ैदी, बृजभूषण, हरीश कश्यप, आदि मौजूद रहे।