कल दिनांक 15/दिसंबर/2023 को युवा मंच संगठन के संरक्षक कुंवर संदीप राठौर के नेतृत्व में बदायूँ पटेल चौक पर भारत रत्न लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल को उनकी 73वीं पुण्यतिथि पर पटेल चौक स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप व मोमबत्ती जलाकर एवं पुष्प अर्पित कर विन्रम भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई । इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सुखदेव सिंह राठौर ने कहा पटेल जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र को समर्पित और जनसेवा की भावना से ओतप्रोत रहा है उन जैसा ना कोई था ना कोई होगा ।
इस अवसर पर युवा मंच संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता ने लौह पुरुष सरदार पटेल जी के वारे ने कुछ प्रमुख व्यक्तव्यों को बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 73वीं पुण्यतिथि है 15 दिसंबर 1950 में सरदार पटेल ने मुंबई में अंतिम सांस ली थी सरदार पटेल को दुनिया आजाद भारत के पहले उप प्रधानमंत्री के तौर पर जानते हैं इसके साथ ही सरदार पटेल गृह, सूचना और रियासत विभाग के मंत्री भी बने सरदार पटेल को ‘लौह पुरुष’ की उपाधि मिली है लेकिन क्या आपको पता है कि सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री बन सकते थें लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में युवा मंच संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पांच प्रमुख जानकारी दी । 1– वे किसान परिवार के बेटे थे सरदार पटेल का जन्म एक किसान परिवार में 31 अक्टूबर को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था उन्होंने अपनी काबलियत और मेहनत के बल पर अपना एक सशक्त मुकाम बनाया था उनके नाम कई उपलब्धियां हैं जो एक साधारण किसान परिवार के लड़के को खास बनाती हैं 2 – गांधी जी के लिए छोड़ा प्रधानमंत्री का पद, जब 1946 में देश आजाद हुआ तो देश में ब्रिटिश सत्ता का अंत हुआ और नई सरकार आने की तैयारी शुरू हो गई। पूरे देश की उम्मीद कांग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम पर टिक गईं। लोगों को उम्मीद थी कि जो भी कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनेगा, वही भारत का पहला प्रधानमंत्री होगा। सरदार पटेल की लोकप्रियता का ही कमाल था कि साल 1946 में नेहरू के नाम को किसी भी कांग्रेस कमेटी ने प्रस्तावित नहीं किया। सरदार पटेल का नाम पूर्ण बहुमत से प्रस्तावित किया। सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री बनने ही वाले थे, लेकिन उन्होंने महात्मा गांधी की बात का सम्मान किया महात्मा गांधी को लगा कि कहीं नेहरू कांग्रेस को तोड़ न दें इसलिए उन्होंने सरदार पटेल से पीछे हटने को कहा और पटेल ने भी बड़ा दिल करते हुए अपना नामांकन वापस ले लिया। 3– रियासतों का भारतीय संघ में विलय जब पटेल देश के गृह मंत्री बने उस समय उन्हें उप प्रधानमंत्री बनाया गया जब वह गृहमंत्री बने तो उनके सामने पहली चुनौती थी देसी रियासतों को भारत में मिलाना कई छोटे बड़े राजा नवाब को भारत सरकार के अंतर्गत लाना आसान नहीं था। पर सरदार पटेल ने बिना किसी राजा का अंत किए रजवाड़े खत्म कर दिए पटेल ने 562 छोटी बड़ी रियासतों का भारत संघ में विलय किया 4– चीन के षड्यंत्रों से किया आगाह सरदार पटेल दूरदर्शी थे इस बात को उन्होंने तब साबित भी कर दिया जब नवंबर 1950 में उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू को खत लिख कर चीन से संभावित खतरे के बारे में चेतावनी दी भारत के उत्तर में चीन की घुसपैठ का उन्होंने अंदाजा लगा लिया था, लेकिन पंडित नेहरू ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया और इसका परिणाम 1962 की चीन की लड़ाई थी 5– किराए के मकान में रहते थे पटेल सरदार पटेल भारत सरकार में एक बड़े पद पर कार्यरत रहे अपने सशक्त व्यक्तित्व और कार्यशैली के बाद देश के लौह पुरुष बनने वाले सरदार पटेल के पास खुद का मकान तक नहीं था वह अहमदाबाद में एक किराए के मकान में रहते थे जब उनका निधन हुआ तो उनके बैंक खाते में मात्र 260 रुपये थे। ऐसे महान व्यक्तित्व को आज युवा मंच संगठन के लोग याद कर पा रहे है। यह हमारा सौभाग्य हमारे वे बीच में नही है लेकिन उनकी प्रेरणा को लेकर चरणो कदमों पर हम सभी देशवासियों को एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए ।
इस अवसर पर युवा मंच संगठन के संरक्षक सुशील कुमार मौर्य ने कहा देश में पटेल समाज मान सम्मान दिया पूज्य सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हमें गर्व है था और रहेगा ऐसे महापुरुष पर । इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सुखदेव सिंह राठौर युवा मंच संगठन संरक्षक सुशील कुमार मौर्य, करन पटेल ,अजय दिवाकर, रमन पटेल, सलमान गद्दी चौधरी फैजान ,अंकुर पटेल ,हर्षित पटेल, दुर्लभ कुमार ,भूरा आकाश ,सागर कमल मिश्रा ,अभिषेक सक्सेना, कैफ खान, सिराज अली ,लक्ष्य नारंग ,मन्ना चौधरी ,अस्लान, अदनान ,अर्जुन शाक्य ,हर्ष गुप्ता लखन मौर्य, राजा दिवाकर, अंकित पटेल ,राजेश गंगवार अतुल कुमार राठौर ,दृश्यम पटेल आदित्य पटेल ,अनिकेत गुप्ता, ध्रुवदक्ष्य कुमार ,बब्बू ठाकुर, पियूष मिश्रा ,सनी पटेल ,अर्जुन राठौर आदि दर्जनों की संख्या में उपस्थित रहे।