सम्भल हयात नगर थाना पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज, सुरक्षा को लेकर पत्रकारो में चिंता गहराई
सम्भल। जनपद में पत्रकारों पर आए दिन हमले हो रहे हैं,जो रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीते मंगलवार की रात अपनी सुसराल जा रहे पत्रकार खलील मलिक पर हमला किया गया। जिसमे मुश्किल तमाम राहगीरों की मदद से पत्रकार खलील मलिक अपनी जान बचा पाया है,पुलिस ने इस मामले में पीड़ित पत्रकार खलील मलिक की तहरीर के अधार पर धारा 323, 324, 504, 506 व 341 धाराओं में एक दबंग पर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है, आशंका व्यक्त की जा रही है कि इस घटना को अंजाम देने वाला भले ही एक बदमाश हो,लेकिन हमले की साजिश के पीछे कई और चेहरे भी शामिल हैं।
जनपद सम्भल हयातनगर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत अपने घर सरायतरीन से अपनी ससुराल रसूलपुर गांव जाते समय देवेन्द्र बाबू के आम के बाग के पास रास्ता अवरूद्ध कर पत्रकार खलील को रोक कर जानलेवा हमला किया गया। राहगीरो की मदद से मुश्किल तमाम खलील मलिक अपनी जान बचा पाए है ।धारदार हथियार से हुए हमले मे पत्रकार खलील मलिक बुरी तरह घायल हुए हैं। सूचना पाकर मौके पर पहुंची हयात नगर थाना पुलिस ने तहरीर के अधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन पुलिस ने पत्रकार पर जानलेवा हमले के मामले मुकदमा दर्ज कर लिया है । बता दें कि मंगलवार को पत्रकार खलील मलिक पर हुए जानलेवा हमले से पहले भी जनपद के कई अन्य पत्रकारों पर हमले हो चुके
हैं,लेकिन उसके बाद भी पुलिस-प्रशासन की ओर से कोई ऐसी सार्थक पहल अभी तक नही की गई है जिससे पत्रकारों पर होने वाले हमलों पर अंकुश लग सके। चिंता की बात है कि हयातनगर थाना पुलिस ने मोबीन पुत्र शहजादे को आरोपी तो बना लिया है, लेकिन उसकी
धरपकड़ और घटना के पीछे के सच को जानने की गंभीर कोशिश जारी है ,पत्रकारों का मानना है कि धारदार हथियार से जानलेवा हमला करने के आरोपी मोबीन पर धारा 323, 324, 504, 506, 341 धाराओं मे मुकदमा दर्ज
होना दर्शाया है,पत्रकार सवाल उठा रहे हैं कि सरायतरीन से गांव रसूलपुर जाने की जानकारी
हमलावर को पहले से कैसे थी। पत्रकार पर हमले घटना से प्रतीत होता है कि हमला सुनियोजित था। क्योंकि घटना के समय हमलावर
से पत्रकार खलील मलिक काफी देर तक बचने का प्रयास करते रहे हैं लेकिन हमलावर काफी देर तक उनसे भिड़ता रहा, यहां तक की एक राहगीर मोटरसाइकिल सवार के आने पर भी दबंग ने पत्रकार खलील मलिक को नही छोड़ा, कुछ समय बाद अन्य दो राहगीर मोटरसाइकिल सवार घटनास्थल से गुज़रे और घायल पत्रकार खलील मलिक कि मदद करते हुए। तब जा कर हमलावर पीछे हटा और बाग से होते हुए फरार हो लिया,परन्तु इस दौरान पत्रकार खलील मलिक बुरी तरह लहूलुहान हो चुका था। सरेशाम दबंग की इस दुस्साहसिक करतूत से पत्रकारों में गहरा रोष व्याप्त है। पत्रकारों ने खलील मलिक पर हुए इस जानलेवा हमले की घटना के आरोपीयो की तत्काल गिरफ्तारी तथा घटना के पीछे की साजिश होनी चाहिए बेनकाब व पत्रकारों पर आए दिन होने वाले हमलो को रोके जाने की सम्भल पुलिस प्रशासन से मांग की है।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट