इस अवसर पर मुख्य अथिति के रूप में महाविद्यालय के प्रबंधक हाजी अजमल खान ने कहा कि एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। परन्तु देश में तकनीकी और आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ अंग्रेजी पूरे देश पर हावी होती जा रही है। हिन्दी देश की राजभाषा होने के बावजूद आज हर जगह अंग्रेजी का वर्चस्व कायम है। हिन्दी जानते हुए भी लोग हिन्दी में बोलने, पढ़ने या काम करने में हिचकने लगे हैं। इसलिए सरकार का प्रयास है कि हिन्दी के प्रचलन के लिए उचित माहौल तैयार की जा सके।इस अवसर पर महाविद्यालय के समाज कार्य विभाग
(MSW) के विभागाध्यक्ष श्री मुहम्मद शोएव ने कहा कि भाषा वही जीवित रहती है। जिसका प्रयोग जनता करती है। भारत में लोगों के बीच संवाद का सबसे बेहतर माध्यम हिन्दी है। इसलिए इसको एक-दूसरे में प्रचारित करना चाहिये। इस कारण हिन्दी दिवस के दिन उन सभी से निवेदन है कि वे अपने बोलचाल की भाषा में भी हिंदी का ही उपयोग करें। हिंदी भाषा के प्रसार से पूरे देश में एकता की भावना और मजबूत होगी,इस अवसर
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.रोशन परवीन ने हिंदी दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार प्रकट किए, इस कार्यक्रम के अवसर पर महाविद्यालय के कार्यालयाधीक्षक अतहर खान, तकनीकी प्रभारी हाज़िर खान,समस्त शिक्षक एवं छात्र-छात्राए आदि द्वारा विचार प्रस्तुत किए गए।