गर्भाशय बैलून टेंपोनेट पद्धति से प्रसूता सुरक्षित
बदायूँ । जिला महिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा होने पर एक प्रसूता को परिजनों ने डिलीवरी के लिए भर्ती कराया था। डिलीवरी के दौरान प्रसूता को अधिक ब्लीडिंग होने लगी। जिससे उसकी जान को खतरा पैदा हो गया। सूचना पर पहुंचे डॉ हाकिम सिंह स्त्री रोग विशेषज्ञ ने गर्भाशय बैलून टैम्पोनैड पद्धति से प्रसूता की ब्लीडिंग बंद करके जान बचाई। अभी अस्पताल में भर्ती है और जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
शहर के मोहल्ला बाबा कॉलोनी निवासी सुषमा पत्नी गिरीश को 4 सितंबर की सुबह प्रसव पीड़ा होने लगी। परिजनों ने उसे महिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां ड्यूटी पर तैनात महिला डाक्टर ने पहले तो ऑपरेशन की सलाह दी थी। बाद में डॉक्टर के प्रयास से नॉर्मल डिलीवरी हो गई। उसके बाद उसे अधिक ब्लीडिंग होने लगी प्रसूता की हालत हायर सेंटर रेफर करने की नही थी। इसलिए डॉ हाकिम सिंह ने महिला अस्पताल पहुंचकर तत्काल गर्भाशय बैलून टेंपोनेट पद्धति से ब्लीडिंग बंद कर उसकी जान बचाई।
सीएमएस ने कॉल पर बुलाए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हाकिम सिंह,जाने वजह
महिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर इंदुकांत वर्मा ने फोन कर डॉक्टर हाकिम सिंह से कहा कि एक प्रसूता के लिए अधिक ब्लीडिंग हो रही है मानवता के नाते उसकी जान बचाना बहुत आवश्यक है।
डॉ ने कहा मेरी अस्पताल में तैनाती नहीं है मुझे वहां मत भेजो सीएमएस के पुनः अनुरोध पर मानवता को ध्यान में रखते हुए मैं महिला अस्पताल पहुंचा और प्रसूता की ब्लीडिंग होने की वजह से उसकी हालत गंभीर होती चली जा रही थी। तभी मैने गर्भाशय बैलून टैम्पोनैड पद्धति का तत्काल निर्णय लिया और उस पद्धति बिल्डिंग बंद हो गई। और प्रसूता की जान बच गई। अब जच्चा बच्चा दोनो अस्पताल में भर्ती और स्वस्थ हैं।
सीएमएस डॉक्टर इंदुकांत वर्मा का कहना है कि मैने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ हाकिम सिंह को रात्रि में 1:00 बजे फोन करके कहा आप महिला अस्पताल चले जाओ एक प्रसूता को बहुत ब्लीडिंग हो रही है उसकी जान को खतरा है मेरे अनुरोध पर मानवता को ध्यान में रखते हुए आपको उसकी जान बचानी है। डॉक्टर के अथक प्रयास से बिल्डिंग बंद हो गई और प्रसूता की जान बच गई। अब जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ और सुरक्षित हैं। सीएमएस ने बताया “यूट्राइन बैलून टेंपोनेट पद्धति” से प्रसूता की जान बची है।इस मानवीय कार्य के लिए श्रेय स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हाकिम सिंह को जाता है पुनः प्रशंसा करते हुए सराहना की है।