हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सम्भल के पत्रकारों द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें पत्रकारों के हितों पर चर्चा करते हुए निष्पक्ष पत्रकारिता करने का आह्वान किया गया
सम्भल। हिंदी पत्रकारिता दिवस पर गोष्ठी में पत्रकारों ने अपने अलग-अलग विचार प्रकट किए। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार भीष्म सिंह देवल ने पत्रकारों से कहा कि वह निष्पक्ष पत्रकारिता करें चाटुकारिता नहीं करें क्योंकि चाटुकारिता करने से पत्रकारों का स्तर बहुत गिर गया है जिससे पत्रकारों की छवि बुरी तरह धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा कि वह निडर और निर्भीक होकर सच्चाई लिखें जिससे कि लोगों का विश्वास पत्रकारों के ऊपर जमा रहे। वरिष्ठ पत्रकार मुजम्मिल दानिश कहा कि पत्रकार समाज का आईना है। और आईना ही अगर धुंधला हो जाएगा तो लोगों का चेहरा उसमें साफ नहीं दिखाई देगा। पत्रकार एक जासूस की भूमिका निभाता है। जो देखता है जो सुनता है। उसको वह अपनी लेखनी से प्रकाशित कर जनता को जागरूक करता है। तथा सरकार को उसके लिए चेताने का कार्य करता है। जिससे क्षेत्र का विकास आसानी से होता है। वरिष्ठ पत्रकार राशिद मिर्ज़ा ने कहा कि आज के माहौल में लोगों का विश्वास चाटुकार पत्रकारों की वजह से पत्रकारों के ऊपर से बिल्कुल अलग-थलग हो गया है। आप जो भी लिखें पुख्ता सबूतों के आधार पर सच लिखें उसके लिए उनकी जहां भी जिस पत्रकार को भी उनकी आवश्यकता पड़ेगी वह पत्रकारों के हित के लिए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं।
तो वही सनी गुप्ता, अभिनव माथुर, अज़ीम अब्बासी आदि ने भी अपने अपने विचार पत्रकारिता दिवस पर प्रकट किए। इस दौरान वक्ताओं ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पत्रकार अपनी जान को जोखिम में डालकर समाज के लिए कार्य करता है। अपने घर में अपने बच्चों को भी वह समय पर देख नहीं पाता जिसके चलते पत्रकार बहुत पिछड़ गए हैं। इस दौरान प्रेस क्लब के भवन के संदर्भ में भी विचार विमर्श किया गया।
इस दौरान मोहम्मद नदीम, राजीव चौधरी, अरुण कुमार, प्रदीप मिश्रा, राहुल कुमार, फिरोज अली, ऋषभ चौहान, मोहम्मद इमरान, उवैस दानिश, खलील मलिक, सय्यद अतहर अली, इंद्रपाल यादव, महबूब अली, गौरव शर्मा, सचिन चौधरी, राजीव कुमार, इमरान खान, रतनदीप शर्मा, अरविंद कुमार आदि पत्रकार मौजूद रहे।
सम्भल से खलील मलिक की रिपोर्ट