संभल।माहे रमज़ानुल मुबारक का पाक महीना शुरू होते ही लोग इबादत में मषगूल हो गये है। पहली सहरी के बाद पहला रोज़ा बेहद सुकून भरा रहा। अल्लाह की रहमत का यह आलम था कि सुबह से ही देर शाम तक आमसान में बादल छाये रहे सूरज हल्क चमका लेकिन तेज़ धूप से रोज़ेदारों को राहत मिल गई। पहली सहरी ओर पहला रोज़ा सम्पन्न होने के बाद सभी ने शुक्रे खुदा किया। देर शाम अपने अपने क्षेत्र के समय अनुसार लोगों ने रोज़ इफ्तार किया। पहले रेाज़े को दस्तारख्वान सजाये गये। हर किसी ने लज़ीज पकवान, शर्बत ओर फल फ्रोट का आनन्द लिया। रोज़े से पहले घर मे खैरे बरकत ओर अमन सुकून व तमाम आलम के लिए हाथ उठाकर दुआयें की गई। लोगों ने पहला रोज़ा अपनी फैमली के साथ खोला।