इस्लामनगर। बाबू राज की नजीर देखना हो तो विकास खंड इस्लामनगर का रुख कीजिए। यहां बाबुओं की मनमानी के आगे शासनादेश घुटने टेकता दिख रहा है। हालत यह है कि वर्षों से ब्लाॅक कार्यालय के अलग-अलग अनुभाग में बाबू व लेखाकार व अन्य कर्मचारी डटे पड़े हैं। नियमानुसार प्रत्येक तीन वर्ष के बाद पटल में परिवर्तन कर देना चाहिए, लेकिन यहां कोई 8 वर्ष से तो कोई दो दशक से भी अधिक समय से पटल पर बना हुआ है। कार्यालय स्टाफ के अलावा फील्ड स्टाफ का भी यही हाल है। बाबू और लेखाकार व अन्य कर्मचारी संबंधित ब्लॉक में छह से अधिक वर्षों से टिके हुए हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जिन्होंने 8 से अधिक वर्ष का समय एक ब्लॉक में ही पूरा कर लिया है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस्लामनगर विकास खंड में बाबुओं और लेखाकार कितनी मजबूती से काम कर रहे है। शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए ऐसे कर्मचारी अपने-अपने पटलों व ब्लॉक में बने रहकर आए दिन रोब दिखाते है और तरह तरह की स्वाभाविक मनमानी भी कर रहे हैं।

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