उझानी। पूर्व मुख्यमंत्री/ पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की जन्म जयंती के मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री बी0एल0 वर्मा ने तमाम जनप्रतिनिधियों के साथ अपने राजनीतिक गुरु कल्याण सिंह की अष्ट धातु की प्रतिमा का अनावरण किया व विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश के तमाम जनपदों से आये जनप्रतिनिधि, पार्टी के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता और बाबूजी के हज़ारों समर्थक मौजूद रहे।केंद्रीय राज्यमंत्री बी0एल0 वर्मा ने कहा बाबूजी कल्याण सिंह मेरे राजनीतिक गुरु हैं, आज मैं जो कुछ भी हूँ सब उनके आशीर्वाद के ही कारण हूँ। बाबूजी के द्वारा देखा गया हर सपना पूरा करने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहूंगा। बाबूजी सदैव हर समाज के लोगों को हमेशा साथ लेकर चलते थे। वे सर्व समाज के लोकप्रिय नेता थे, उनकी कार्यशैली लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी। उनकी नीतियां सभी के लिए एक जैसी रही और विकास योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में उन्होंने कभी भेदभाव नहीं किया। इसीलिए हर समाज का व्यक्ति उनसे दिल से प्रेम करता था। उन्होंने कहा श्रद्धेय कल्याण सिंह ‘बाबूजी’ की सरकार के दौर का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह वह कालखंड था, जब उत्तर प्रदेश बदलाव के दौर से गुजर रहा था। पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों के कारण प्रदेश में जगह-जगह दंगे हो रहे थे और प्रदेश में आतंकवाद की सुगबुगाहट हो रही थी, उस समय कल्याण सिंह ने प्रदेश की बागडोर संभाली थी।” उन्होंने कहा कि बाबूजी का कार्यकाल सीमित था,लेकिन अपने सीमित समय के कार्यकाल में ही उन्होंने साबित कर दिया कि सरकार की ‘धमक’ कैसी होनी चाहिए।राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार अरुण कुमार सक्सेना ने कहा बाबूजी कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के रूप में उनकी जन सेवाओं को सदैव याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाबूजी एक वरिष्ठ एवं अनुभवी राजनेता थे। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में उनकी भूमिका अग्रणी थी और राम मंदिर निर्माण को लेकर उनका अटूट विश्वास था। उन्होंने समाज के गरीब, कमजोर, शोषित और वंचित वर्ग के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञ के रूप में उनकी उपलब्धियां हम सभी के लिए प्रेरणादायी है।अध्यक्ष/सभापति उ.प्र. राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 सूर्यप्रकाश पाल ने कहा बाबूजी कल्याण सिंह बतौर राजस्थान राज्यपाल वीआईपी कल्चर के खिलाफ रहे थे। उन्होंने राज्यपाल के आगे लगने वाला ‘महामहिम’ शब्द हटवा दिया था और इसकी जगह ‘माननीय’ शब्द करवा दिया था। साथ ही राज्यपाल को दिया जाने वाला गार्ड ऑफ ऑनर भी बंद करवा दिया, कल्याण सिंह बहुत सरल स्वभाव के राजनेता थे।जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता ने कहा पूर्व सीएम कल्याण सिंह जी को लोग प्यार से ‘बाबू जी’ के नाम से बुलाते थे, उनकी जयंती के अवसर पर उनको याद किया जा रहा है। बाबूजी अपने समय में विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री और राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों पर रह चुके हैं। उन्हें देश के लोग राम मंदिर आंदोलन के सेनापति के रूप में लोग याद करते हैं ।साँसद डॉ0 संघमित्रा मौर्य ने कहा आजादी के बाद हम सभी की स्मृतियों में सुशासन वाली पहली सरकार वर्ष 1991 में बनी, श्रद्धेय कल्याण सिंह की ही सरकार थी। उन्होंने प्रत्येक तबके के हितों के साथ ही सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए भी कार्य की शुरुआत की थी। सदर विधायक महेश चन्द्र गुप्ता ने कहा बाबूजी अपने जीवन में सदैव जनहित को ही वरीयता देते रहे। बाबूजी की कार्य पद्धति निर्णायक साबित हुई । गरीब, किसान, मजदूर तथा पीड़ित की मदद के लिए सदैव आगे रहने वाले स्वर्गीय बाबू जी का सपना हम मिलकर पूरा करेंगे।बिल्सी विधायक हरीश शाक्य ने कहा बाबूजी कल्याण सिंह आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी स्मृतियां सदैव हमारे साथ रहेंगी। केंद्र एवं राज्य सरकार कल्याण सिंह द्वारा देखे गए हर सपने को पूरा करने के लिए संकल्पित है। दातागंज विधायक राजीव कुमार सिंह ने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबूजी कल्याण सिंह के नाम पर योजनाओं की शुरुआत कर दी है उसी क्रम में बाबूजी कल्याण सिंह ग्राम उन्नति योजना का शुभारंभ किया है। राज्य सरकार ने उनकी स्मृति में लखनऊ में कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टिट्यूट एवं हॉस्पिटल की स्थापना की है।जनसभा को पूर्व विधायक प्रेमस्वरूप पाठक पूर्व राज्यमंत्री विमल कृष्ण अग्रवाल पूर्व विधायक डिवाई डॉ० अनीता राजपूत राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा लोधी महासभा अनुपमा लोधी ने सम्बोधित किया।जनसभा का संचालन कवि दिवाकर वर्मा एड0 ने किया।इस मौके पर विधायक हरिप्रकाश वर्मा विधायक डीसी वर्मा अध्यक्ष जिला पंचायत वर्षा यादव पूर्व राज्यमंत्री अवधेश वर्मा पूर्व राज्यमंत्री राजीव लोधी पूर्व विधायक किशनलाल राजपूत पूर्व एमएलसी जितेंद्र यादव घनश्याम लोधी पूरनलाल लोधी हर्षवर्धन आर्य चेयरमैन दीपमाला गोयल अशोक भारतीय हरप्रसाद पटेल शैलेश पाठक उमेश राठौर मुकेश राजपूत एमपी सिंह राजपूत वीरेन्द्र राजपूत शिशुपाल शाक्य सोवरन राजपूत नत्थूलाल वर्मा अखिल अग्रवाल उपस्थित रहे।