बदायूं। योगी सरकार भले ही महिलाओं और युवतियों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर कितने भी कड़े कानून बना दे, लेकिन हकीकत में यह सिर्फ कागजों पर रह जाते हैं सरकार द्वारा दुष्कर्म पीड़ितों के हित में कई कड़े कानून बनाए गए जिसमें सरकार ने स्पष्ट रूप से यह कह रखा है कि दुष्कर्म पीड़ित युवतियों एवं महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाकर उन्हें न्याय दिलाया जाए उसके बाद एक दुष्कर्म पीड़िता को न्याय के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है मामला थाना अलापुर क्षेत्र के गांव गभियाई का है जहां निवासी जेबा खानम पुत्री असरार खान की शादी कस्बा सखानू वार्ड नं 8 के सगीरुल हसन पुत्र शरीफुल हसन के साथ 6 मई को हुई थी। बाद में जेबा के सुसराल वाले दहेज की अधिक मांग करने लगे जिससे विवाद हो गया जिसका मुकदमा चल रहा है। महिला का आरोप कि 15 सितंबर को मैं अपने मायके में अकेली थी मायके वाले किसी काम से बदायूं गए थे। तभी वहां मेरा देवर तहजीबुल हसन पुत्र शरीफुल हसन आया और घर में घुस कर मुझसे अश्लील हरकतें करने लगा कहने लगा आज तुझे मूंह दिखाने के काबिल नहीं छोडूंगा और मेरे कपड़े फाड़ कर मुझे जमीन पर पटक कर दुष्कर्म करने लगा मैने शोर मचाया इतने में मेरी बहिन और पड़ोस के लोग आ गए। तहजीबुल हसन धमकी देकर भाग गया मैने थाने जाकर पूरी घटना सुनाई थाना पुलिस ने मेरी रिपोर्ट दर्ज नही की जब जा कर एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी मेरी वहां भी नहीं सुनी गई।तब जा कर न्यायलय के द्वारा मेरी रिपोर्ट दर्ज हुई थी। लगभग एक महीने से मैं न्याय की आस में दर दर भटक रही हूं अभी आरोपी खुलेआम घूम रहा है।आरोपी पर पुलिस मेहरबान है, मेरे परिवार वाले परेशान घूम रहे हैं। बेटियां नहीं दिख रही सुरक्षित बेटी बचाओ बेटी पढाओं का नारा उस जगह बेकार हो जाता है। जब बेटियों के साथ छेडख़ानी और दुष्कर्म की घटनाएं सामने आने लगती हैं। इतना ही नहीं कभी-कभी आरोपियों को पुलिस अथवा सत्ता है। जिससे इनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाती है और संरक्षण मिलता रहता है।