कप्तान साहब सहसवान थाना कोतवाली में बार-बार ट्रांसफर करा कर कई सालों से कार्यरत संभाल रहे हैं कुछ मुंशी
सहसवान- बदायूं के कस्बा सहसवान कोतवाली में काफी लंबे समय से कार्यरत है मुंशी इन लोगों के नहीं होते ट्रांसफर एक महान मुंशी तो ऐसे हैं थाने में जो अपने आप को थाना प्रभारी ही समझते हैं सबसे बड़ी बात तो यह है कि थाना कोतवाली में अब से कई साल पहले भी कार्यरत संभाल चुके थे लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि इन मुंशी का ट्रांसफर होने के बाद भी दो तीन बार अपनी सांठगांठ कर थाना कोतवाली में ही वापस आ जाते हैं पहले से ही स्थानीय स्तर पर मजबूत राजनीतिक संबंध बना बने हुए हैं इनके भ्रष्ट तत्व माफियाओं से भी उनके करीबी संबंध हैं मुंशी जी के कंप्यूटर कक्ष में जाकर कोई भी व्यक्ति आसानी के साथ मुकदमे की कॉपी भी ला सकता है हर समय कोई ना कोई व्यक्ति उनके पास मौजूद ही रहता है हालांकि तेजतर्रार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश हैं कि कोई भी बाहर का व्यक्ति बिना अनुमति के कंप्यूटर कक्ष में नहीं जाएगा लेकिन यहां का तो नजारा ही कुछ और है हैरान करने वाली बात तो यह है कि मुंशी जी का मोबाइल नंबर हर किसी व्यक्ति पर उपलब्ध है कि बाहर से ही फोन करके मामले को जैसा चाहे वैसा करा सकता है परिणाम स्वरूप वह अपने उच्चाधिकारियों का निर्देश भी नहीं मानते तथा अपने द्वारा विकास कार्य प्रणाली के द्वारा ही कार्य करते हैं इसके कारण भ्रष्टाचार में वृद्धि जमकर होती है!